आजकल लोगों की जिंदगी बन चुकी सोशल मीडिया पर रोक लगाए जाने से बौखलाए लोगों ने एक पूरे शहर को आग के हवाले कर दिया है। इससे पनपी हिंसा की चपेट में पूरा शहर आ गया है। भारी जान माल के नुकसान के बाद सरकार ने टैक्स लगाने के फैसले को वापस ले लिया, लेकिन सरकार से गुस्साए लोगों ने मोर्चा खोल रखा है। लोगों को संभालने के लिए आर्मी समेत अन्य फोर्सेस को लगाया है।
लेबनान सरकार के खिलाफ जनता ने मोर्चा खोला
लंबे समय से आर्थिक संकट झेल रहे मिडिल ईस्ट के देश लेबनान ने इससे निपटने के लिए कमेटी गठित की। कमेटी ने सरकार को सलाह दी कि लोग सोशल मीडिया के बिना नहीं रह पा रहे हैं। जानकारों के मुताबिक कमेटी की ओर से दी गई सलाह में कहा गया कि लोगों पास भले ही समुचित संसाधन नहीं लेकिन वह सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। इससे उन्हें ज्यादा समय तक मोबाइल, लैपटॉप जैसे गैजेट्स में समय बिता रहे हैं। वह अपने रोजगार और नए आईडियाज पर काम करने की बजाय सोशल मीडिया पर जाकर एंज्वॉय कर समय गवां दे रहे हैं। इसके अलावा गैजेट्स के ज्यादा इस्तेमाल से लोग तमाम बीमारियों से भी ग्रसित होते जा रहे हैं। लोगों का समय और पैसा बचाकर आर्थिक संकट से निपटा जा सकता है।
फोन कॉल्स पर टैक्स लगाने से भड़के लोग
सरकार ने इस सलाह पर गौर किया और फेसबुक मैसेंजर, वॉट्सएप समेत अन्य सोशल मीडिया एप्स पर टैक्स लगाने का हुक्म जारी कर दिया। इसके अलावा एप्स के जरिए फोल कॉल्स पर टैक्स की घोषणा कर दी गई। ऐप बेस्ट कॉलिंग पर प्रतिदिन लोगों को 0.20 डॉलर (भारतीय मुद्रा में 14.16 रुपये) का टैक्स देने का आदेश जारी किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार के इस फैसले से गुस्साए लोग लेबनान की राजधानी बेरुत में एकजुट हो गए। और मुख्य सरकारी भवन के सामने प्रदर्शन करने लगे। इस बीच सुरक्षाबलों से हुई झड़प ने हिंसक रूप ले लिया।
हिंसा और आग की चपेट में आई राजधानी
पहले से ही रोजगार संकट से जूझ रहे लोग सरकार से नाराज थे और अब सरकार के नए आदेश से उनका गुस्सा चरम पर पहुंच गया। बेरुत में देखते ही देखते लोग सड़कों पर उतरे और शहर को आग के हवाले कर दिया। सुरक्षाबलों से हिंसक झड़प के बाद प्रदर्शनकारियों ने सरकारी भवनों, वाहनों, दफ्तरों और कम्युनिटी सेंटर्स में आग लगा दी। बड़े पैमाने पर आगजनी के चलते राजधानी बेरुत के आसमान पर काला धुआं छा गया। प्रदर्शनकारियों के भयंकर गुस्से को भांप सरकार ने टैक्स लगाने का फैसला वापस ले लिया, बावजूद गुस्साए लोगों का प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
विश्व समुदाय ने चिंता जताई
प्रदर्शनकारियों बेरुत में संसद के सामने इकट्ठा होकर प्रधानमंत्री सद अलहीरो से इस्तीफे की मांग की है। प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा है कि हम मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार करते हुए लोगों से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त अरब अमीरात ने लेबनान में जारी हिंसा को देखते हुए अपने लोगों के लिए एडवायजरी जारी की है। बेरुत में यूएई के उच्चायुक्त हमद सइद सुल्तान अल शम्सी ने अपने लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए यूएई ने बेरुत में कैंप भी बनाए जाने की बात कही है। करीब 150 लोगों को वतन वापस लाया गया है। इसी तरह अन्य देशों ने भी हिंसा पर चिंता जताते हुए अपने नागरिकों की सुरक्षा के इंतजाम करने और उनकी वापसी के प्रयास शुरू कर दिए हैं।…Next
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