धर्म परिवर्तन आस्था नहीं, बल्कि दबाव में हो रहा है। ये दबाव प्यार भी होता है, यानी ‘लव जिहाद’। ये हम नहीं, बल्कि केरल पुलिस की एक गोपनीय रिपोर्ट कह रही है। रिपोर्ट में लव जिहाद को एक गंभीर मामला माना गया है। इसमें कहा गया है कि आस्था से इस्लाम अपनाने वालों की संख्या बहुत कम है। दूसरे धर्म से इस्लाम धर्म अपनाने वाले ज्यादातर लोग प्यार जैसे दबाव में आकर ऐसा करते हैं। हालांकि इससे पहले केरल पुलिस लव जिहाद जैसे किसी मामले को नहीं मानती थी।
लगातार आ रहे मामले
दरअसल, लंबे समय तक इनकार करते रहने के बाद केरल पुलिस और सूबे की सरकारी मशीनरी ‘लव ज़िहाद’ के मामलों को गंभीरता से ले रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल पुलिस ने एक गोपनीय रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि उसके सामने पिछले कुछ समय से ‘लव ज़िहाद’ के मामले लगातार आ रहे हैं। केरल पुलिस की इस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘दावा दस्ता’ नाम का एक कट्टरपंथी संगठन राज्यों के युवाओं खासकर युवतियों का धर्म परिवर्तन करा रहा है। इसके लिए संगठन तरह-तरह के हथकंडे अपनाता है और इस्लाम अपनाने के लिए मज़बूर करता है।
एझवा समुदाय निशाने पर
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस संगठन के निशाने पर अन्य समुदायों की तुलना में एझवा (हिंदू) समुदाय के लोग अधिक हैं। इसके चलते अब तक त्रिसूर जिले में कई युवा इस्लाम अपना चुके हैं। पिछले दो साल में पलक्कड़ में भी कइयों ने इस्लाम धर्म अपना लिया। सबसे ज़्यादा धर्म परिवर्तन के मामले कन्नूर, त्रिसूर, कोझीकोड, मलप्पुरम और पलक्कड़ में सामने आए हैं।
युवतियाें को बना रहे निशाना
रिपोर्ट की मानें, तो ‘दावा दस्ता’ विशेष तौर पर युवतियों को निशाना बना रहा है। इनमें भी उन लोगों पर ख़ासकर डोरे डाले जा रहे हैं, जिनकी वैचारिक प्रतिबद्धता वामपंथ के साथ है। रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि इन हालात में हिंदू-मुसलमानों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘दावा दस्ता’ या लव ज़िहाद किसी की कल्पना की उपज नहीं है। धर्म-परिवर्तन के ज़रिए राज्य में कट्टरपंथ का प्रसार होना एक वास्तविकता है।
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