शांत रहने वाली लड़की भी हैं. आतंकियों का सामना करने वाली मलाला पाकिस्तान छोड़कर ब्रिटेन के बर्मिंघम चली गई और अपने किताबों के जरिए आज दुनियाभर में मशहूर हो चुकी हैं. किसी को भी अंदाजा नहीं था कि पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाली यह लड़की बहुत ही कम वक्तों में विश्व में नाम कमा लेगी. आज यह लड़की करोड़पति बन चुकी है.
पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान शासन के बीच अपने जीवन को मलाला ने एक किताब ‘आई एम मलाला’ में उतारा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह वहां के लोगों का जीवन एक संघर्ष बन कर रह गया है. साथ ही, उनकी खुद की संघर्ष की कहानी का जिक्र भी इस किताब में है.
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, मलाला के अधिकारों को लेकर जो सलजई लिमिटेड (Salarzai Ltd.) नाम की कंपनी बनाई गई थी उसे करीब 10 करोड़ का फायदा हुआ है. इस कंपनी में उनके पिता और मां का भी हिस्सा है. अभी तक मलाला ने करीब 2 करोड़ का टैक्स भी भरा है.
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मलाला पाकिस्तान में महिला शिक्षा पर भी जोर दे रही हैं. साथ ही वह दुनिया में सबसे कम उम्र में नोबल पुरस्कार पाने वाली पहली महिला हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि मलाला की पहली किताब जिसमें उनके संघर्ष की कहानी है. उसकी कुल 18 लाख प्रिंट बिके थे. मलाला ‘एजबैस्टन हाई स्कूल फॉर गर्ल्स’ में पढ़ाई करती हैं. साथ ही वह महिला शिक्षा की आवाज उठाने के लिए मोटिवेशनल स्पीच देती हैं. मलाला का सपना है कि हर लड़की को मुफ्त, सुरक्षित और गुणवत्ता पूर्ण प्राइमरी और सेकेंडरी एजुकेशन मिल सके.
हम भी उम्मीद करते हैं कि मलाला का यह सपना जरूर पूरा हो. जिस तरह से उन्होंने अपने जीवन को लोगों के सामने पेश किया है वह वाकई काबिल -ए-तारीफ है…Next
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