आम जनता के लिए बिजली, पानी और सड़क मूलभूत और जरूरी सुविधाएं होती हैं। जहां पर इन तीनों सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था है, वहां लोगों का जीवन आरामदायक है। हालांकि, छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कटौती के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मगर अब इस समस्या का समाधान हो सकता है। जल्द ही शहरों समेत गांवों में भी 24 घंटे बिजली मिलेगी, वो भी बिना किसी कटौती के। इसके लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक बिल ला सकती है। आइये आपको बताते हैं क्या है मोदी सरकार की योजना।
मानसून सत्र में बिल लाने की योजना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में एक बिल लाने की योजना बना रही है, जिससे लोगों को बिजली आपूर्ति पाने का अधिकार मिल सकता है। इसके तहत अप्रैल 2019 से सामान्य स्थितियों में 24 घंटे बिजली सप्लाई नहीं होने पर पावर डिस्ट्रिब्यूटर्स को जवाबदेह ठहराया जाएगा। इस बिल में सामान्य स्थिति में कंज्यूमर को पावर सप्लाई न देने पर डिस्ट्रिब्यूटर्स को दंड देने का प्रावधान होगा। सामान्य स्थिति का मतलब यह है कि ब्रेकडाउन न हो या कोई तकनीकी खामी न हो।
केवल 935 गांवों में बिजली सुविधा नहीं
खबरों की मानें, तो सूत्रों ने दावा किया है कि देश में थर्मल और हाइड्रो पावर का उत्पादन जरूरत से ज्यादा है। ट्रांसमिशन के लक्ष्य डेडलाइन से पहले हासिल कर लिए जाएंगे। एनडीए सरकार ने सभी गांवों के विद्युतीकरण के लिए 1 मई 2019 की डेडलाइन रखी है। अभी केवल 935 गांवों में बिजली सुविधा नहीं है। सूत्रों का कहना है कि सरकार को इन गांवों में भी 15 अप्रैल तक बिजली पहुंचा देने की उम्मीद है।
डेडलाइन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में हर परिवार को दिन-रात बिजली सप्लाई सुनिश्चित करने की डेडलाइन 1 अप्रैल 2019 तय की है। अधिकारियों के मुताबिक, उत्पादन के लक्ष्य हासिल किए जा चुके हैं, लेकिन सभी गांवों में पावर ट्रांसमिशन की सुविधा इस साल अप्रैल तक ही दी जा सकेगी। खबरों की मानें, तो पावर मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया है कि प्रोडक्शन और ट्रांसमिशन की समस्या नहीं है, मुख्य बाधा डिस्ट्रिब्यूशन की है। ऐसा पाया गया है कि डिस्कॉम्स लॉस में कमी करने के लिए रोज कुछ घंटे पावर सप्लाई कट करती हैं। ये पावर कट टेक्निकल फॉल्ट के कारण नहीं, बल्कि मुख्य रूप से कॉमर्शियल वजहों से होते हैं।
चार करोड़ परिवार बिजली सुविधा से थे वंचित
खबरों की मानें, तो मई 2014 में जब एनडीए की सरकार बनी, तो चार करोड़ परिवार बिजली की सुविधा से वंचित थे। इनमें से अब तक सौभाग्य योजना के तहत 29,33,000 परिवारों को कवर किया जा चुका है। यह योजना 11 अक्टूबर 2017 को शुरू की गई थी। नए नियमों के तहत किसी परिवार को बिजली सुविधा से लैस तभी माना जाता है, जब उसका पहला बिजली बिल लेजर में दर्ज हो जाए…Next
Read More:
श्रीदेवी को यूं ही नहीं कहा जाता था लेडी अमिताभ, सफलता से विवाद तक दोनों में कॉमन हैं ये बातें
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय ध्यान रखें ये 4 जरूरी बातेंकोहली-धवन की दोस्ती कैमरे में हुई कैद, गब्बर के साथ इस अंदाज में दिखे विराट
Read Comments