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मुंबई के ऑटो वाले का यह कारनामा ऑटो चालकों के प्रति आपकी सोच बदल देगी

यह खबर भले ही सनसनीखेज वाला न हो पर एक उम्मीद जगाने वाली है. मुंबई में ऑटोरिक्शा चालक के प्रति लोग आमतौर पर अच्छी राय नहीं रखते. यह एक आम धारणा है कि ऑटोरिक्शा चालक अशिष्ट होते हैं औऱ मौका देखते ही ग्राहकों को ठगने के लिए तैयार बैठे रहते हैं. ऐसे में जब एक किशोर ऑटोरिक्शा चालक उस थैली को शिव शंकर को लौटाने के लिए उसके घर पहुंचा तो उनका चौंकना लाजमी था. शिव शंकर यह बैग ऑटो में ही भूल गए थे.


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चेंबूर निवासी शिव शंकर ने जब इस ऑटोरिक्शा चालक से मिले तो वो हैरान रह गए कि इतनी कम उम्र में इसे ऑटो चलाने का लाइसेंस कैसे मिल गया. “मैं जब ऑटो में चढ़ा तो मैं यह देखकर दंग रह गया कि ड्राइवर इतना पतला-दुबला और इतनी कम उम्र का है. मैने उससे उसकी उम्र पूछी तो उसने कहा 18 साल, पर मुझे यकीन न हुआ. मैने उसे लाइसेंस दिखाने के लिए भी कहा.” 46 वर्षीय मीडियाकर्मी शिवशंकर घटना को याद करते हुए बताते हैं. सफर के दौरान वे रिक्शा ड्राइवर विनीत गोहिल से काफी घुल-मिल गए थे.


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वे दोनों एक दूसरे से बाते करते रहे. शंकर ने विनीत की फोटो भी खींच ली. बातचीत में वे इतने मशगूल थे कि जब शंकर अपने घर पहुंचे तो अपना शॉपिंग बैग रिक्शा में ही भूल गए. जब शंकर घर पहुंचे तो उन्हें अपने बैग की याद आई पर उन्होंने सोचा कि उनके पास ड्राइवर की तस्वीर है बाद में वे इसके सहारे चेंबूर ऑटो स्टैंड पर ढूंढ़ लेंगे जहां से उन्होंने ऑटो पकड़ी थी. पर करीब 15 मिनट बाद दरवाजे की बेल बजी. दरवाजे पर विनीत उस बैग के साथ खड़ा था जो शंकर उसके ऑटो में छोड़ आया था.


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विनीत ने शंकर को बताया कि, “दूसरी सवारी ने जब इस बैग के बारे में पूछा तो मुझे पता चला कि आपने झोला ऑटो में ही छोड़ दिया है. मैने उस सवारी को उसके गंतव्य तक छोड़ा और वापस आपकी कॉलोनी के गेट तक पहुंच गया. वहां गार्ड से आपके अपार्टमेंट का नंबर लेकर यहां तक पहुंचा.”


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शंकर ने बताया कि, “मैं शहर में घूमता रहता हूँ पर पहली बार उन्होंने ऐसा कुछ देखा है. कई लोग अपना समान इस तरह ऑटो में भूल जाते हैं पर कोई उसे वापस लौटाने के लिए इतनी जहमत नहीं उठाता.” शंकर का कहना है कि “विनीत ने किसी भी प्रकार का ईनाम लेने से भी मना कर दिया. मैने उसे कुछ पैसे देने चाहे पर वह सिर्फ मुस्करा कर चला गया.” Next…


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