सोचिए, आपको किसी दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाना है आपके ऑफिस से आपके दोस्त का घर 1 घंटे की दूरी पर है लेकिन आप 4 घंटों तक लम्बे जाम में फंसे रहने के बाद रात 11 बजे पार्टी में पहुंचते हैं, जब पार्टी खत्म हो चुकी होती है। ऐसे में दोस्त आपसे नाराज तो होता ही है, साथ में आपकी इमेज भी खराब हो जाती है।
इसी तरह आपके पास भी ट्रैफिक जाम की वजह से लेट होने से जुड़े कई किस्से होंगे। ट्रैफिक एक ऐसी समस्या बन चुकी है, जिसे दिल्ली जैसे बड़े शहर के लोग अपनी दिनचर्या का हिस्सा मान चुके हैं लेकिन किसी भी समस्या को स्थायी मानकर उसका समाधान नहीं किया जा सकता। दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक की इसी समस्या को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि इसके लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।
2020 तक राजधानी हो जाएगी ट्रैफिक जाम फ्री!
पुलिस ने शीर्ष अदालत को बताया कि शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए सड़कों को चौड़ा करने, अतिक्रमण हटाने, रुकावटें दूर करने, एलिवेटेड रोड, फ्लाईओवर और फुटओवर ब्रिज बनाने जैसे काम किए जा रहे हैं। शहर की पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर यह बताया कि उसका दिल्ली को जाम मुक्त करने का प्लान क्या है, जिससे एयर पॉल्यूशन भी फैलता है। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि सबसे पहले उसे 28 सबसे ज्यादा जाम वाले कॉरिडोर्स की समस्या हल करने का लक्ष्य तय किया है और दिसंबर 2020 तक इस प्रॉजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। पुलिस का कहना है कि उसने डीडीए और नगर निकायों समेत सभी संबंधित एजेंसियों से बात करने के बाद यह टाइमलाइन दी है।
दिल्ली की स्पीड
दिल्ली की औसत ऑफ-पीक ट्रैफिक स्पीड 2010 से 2017 के बीच 9.1 फीसदी गिरकर 26 किमी प्रति घंटा हो गई है। यह एक हाथी की औसत गति से बहुत अधिक नहीं है, जो 25 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चलता है। वहीं, रेसर उसेन बोल्ट की स्पीड 37.6 किमी प्रति घंटा है…Next
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