नोबेल पुरस्कार हासिल करना दुनिया के हर व्यक्ति का ख्वाब होता है। इसे पूरा करने के लिए जीवन भर की मेहनत लग जाती है, बावजूद यह हासिल नहीं हो पाता है। विवादों के चलते पिछले साल का साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जा सका था। इस साल यानी 2019 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा चल रही है। अब तक चार क्षेत्रों के पुरस्कारों का ऐलान किया जा चुका है, जिसमें साहित्य क्षेत्र भी शामिल है।
चयन समिति की सदस्य ने लगाए मीटू के आरोप
साल 2018 में साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान करने वाले लोगों का चयन करने वाली संस्था के विवादों में आने के कारण पुरस्कार रद्द कर दिए गए थे। दरअसल, नोबेल पुरस्कारों का चयन करने वाली स्वीडिश अकादमी की सदस्य कैटरीना फ्रॉस्टेंसन ने अपने पति और फोटोग्राफर जीन क्लाउड अरनॉल्ट पर सेक्सुअल एब्यूज के आरोप लगाए थे।
विवाद के चलते साहित्य पुरस्कार रद्द
साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने वाली चयन समिति की सदस्य के पति पर आरोप लगाने के बाद नोबेल पुरस्कार प्रदान करने वाली संस्था स्वीडिश अकादमी भी विवादों में घिर गई थी। अकादमी ने साल 2018 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं देने का ऐलान करते हुए कहा था कि चयन समिति के सदस्य मामले को लेकर चिंतित हैं। बाद में अकादमी की सदस्य कैटरीना फ्रॉस्टेंसन को बर्खास्त कर दिया गया था।
2019 में दिया गया 2018 का साहित्य नोबेल पुरस्कार
साल 2019 में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा के साथ ही साल 2018 के साहित्य पुरस्कार का भी ऐलान किया गया है। ऑस्ट्रेलियाई लेखक पीटर हैंडके को 2019 का साहित्य का नोबल पुरस्कार देने की घोषणा की गई। इसके साथ 2018 के लिए साहित्य के क्षेत्र में महत्वूपर्ण योगदान देने के लिए लेखिका ओल्गा टोकर्कज़ुक को नोबेल पुरस्कार का ऐलान किया गया।
साहित्य का नोबेल पाने वाले रवींद नाथ टैगोर पहले भारतीय
महान साहित्यकार और लेखक रवींद्र नाथ टैगोर पहले ऐसे भारतीय थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था। रवींद्र टैगोर को 1913 में साहित्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी काम करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया था। साहित्य का सबसे पहला पुरस्कार फ्रांसीसी कवि सुली प्रुधोम को दिया गया था।…Next
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