जेल एक ऐसी जगह होती है, जहां बंद होने वाले कैदी या बंदी की दुनिया उतने में ही सिमट जाती है। यहां बंद होने वालों में पुरुष और महिला दोनों शामिल होते हैं। अपनों से मुलाकातें भी तय दिन और सीमित समय के लिए ही होती हैं। मगर अब एक राज्य में महिला कैदियों के लिए ऐसी सुविधा शुरू की गई है, जहां से वे अपने परिवारवालों से वीडियो कॉलिंग के जरिये बातचीत कर सकती हैं। आइये आपको बताते हैं कि कहां शुरू हुई है ये सुविधा और किस तरह मिलेगा इसका फायदा।
महाराष्ट्र पुलिस ने की शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र पुलिस ने महिला कैदियों और बंदियों के लिए इसकी शुरुआत की है। इसके तहत अब वे जेल से अपने परिजनों को वीडियो कॉल कर सकती हैं। खबरों की मानें, तो महाराष्ट्र के एडिशनल डीजी (जेल) डॉक्टर भूषण उपाध्याय ने बताया कि यह सुविधा सिर्फ महिला कैदियों को ही नहीं, बल्कि ओपन जेलों में बंद कैदियों को भी दी जा रही है। महाराष्ट्र में 40 महिला जेल हैं, जबकि 11 ओपन (खुली) जेल हैं। जेल प्रशासन के फैसले के मुताबिक, जो महिलाएं बतौर कैदी यानी अपराध में दोषी करार दिए जाने के बाद जेल में बंद हैं, वे महीने में दो बार अपने परिवार को वीडियो कॉल कर सकती हैं। वहीं, जो विचाराधीन बंदी हैं यानी जिन पर अभी मुकदमा चल रहा है, उन्हें महीने में चार बार वीडियो कॉल करने की सुविधा मिलेगी।
परिवारवालों के मोबाइल नंबर का होगा वेरिफिकेशन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉल का समय 10 मिनट से ज्यादा नहीं होगा। कैदियों को जेल प्रशासन को अपने परिवार के उन लोगों के मोबाइल नंबर देने पड़ेंगे, जिन पर उन्हें बात करनी है। इसके बाद जेल प्रशासन उन मोबाइल नंबर धारकों का पुलिस वेरिफिकेशन कराएगा। वेरिफिकेशन के बाद पुलिस की रिपोर्ट जेल भेजी जाएगी। इसके बाद महिला और ओपन जेल में बंद कैदियों को इन मोबाइल नंबरों पर कॉल करने की इजाजत दी जाएगी। वीडियो कॉल करने के लिए दिन और समय पहले से निर्धारित किया जाएगा।
कैदियों का मानसिक तनाव होगा कम
खबरों के मुताबिक, इसके पीछे जेल प्रशासन का मानना है कि वीडियो कॉलिंग से महिला कैदी या खुली जेल में बंद आरोपी अपने परिवारवालों के चेहरे देख सकेंगे। इससे उनका मानसिक तनाव काफी हद तक कम होगा। बता दें कि मुंबई की आर्थर रोड और नवी मुंबई की तलोजा जेल को छोड़कर राज्य की ज्यादातर सेंट्रल जेलें खुली ही हैं। पुणे की यरवडा जेल में पुरुष और महिला दोनों तरह के कैदियों के लिए खुली जेलें बनाई गई हैं। इसके अलावा नागपुर, ठाणे, औरंगाबाद के पास पैठन, अहमदनगर के नजदीक वीसापुर सहित कई और शहरों में भी खुली जेलें हैं…Next
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