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ओला-उबर ड्राइवरों की हड़ताल की ये है असली वजह, जानें आप पर क्या पड़ेगा असर

ऐप बेस्ड टैक्‍सी सेवा शुरू होने के बाद ये लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में काफी इंपॉरटेंट हो गए हैं। इनमें ओला-उबर सबसे ज्‍यादा फेमस हैं। बड़ी संख्‍या में लोग इन कैब की सुविधा लेते हैं। अगर आप भी उन्‍हीं लोगों में से एक हैं, तो आज आपको परेशानी हो सकती है, क्‍योंकि ओला-उबर के लगभग 80,000 कैब ड्राइवर्स हड़ताल पर हैं। आइये आपको बताते हैं कि इन कैब ड्राइवर्स के हड़ताल पर जाने की वजह क्‍या है और इससे आप पर क्‍या असर पड़ेगा।

 

 

ड्राइवरों की ये हैं मांगें

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उबर और ओला से जुड़े ड्राइवरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान किया है। ये हड़ताल महाराष्ट्र नवनिर्माण वहातूक सेना (एमएनवीएस) ने बुलाई है। इस हड़ताल के कारण मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बैंगलुरू, हैदराबाद और पुणे जैसे प्रमुख शहरों में ऐप बेस्ड ये कैब नहीं चलेंगी। हड़ताल का मुख्य मुद्दा ड्राइवरों के काम करने के हालात में सुधार लाना है। ड्राइवरों की मांग है कि कंपनी उनके हित के लिए पॉलिसी बनाए, बढ़ते इंश्योरेंश के प्रीमियम पर रोक लगाए और ड्राइवरों की आमदनी बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएं।

 

देशभर में लगभग 80 हजार ड्राइवर ऑफलाइन

इस हड़ताल के समर्थन में देशभर में लगभग 80 हजार ड्राइवर ऑफलाइन रहेंगे। खबरों की मानें, तो मुंबई में ड्राइवर्स कंपनियों के ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र के थाणे, नासिक और पुणे में कैब सर्विस प्रभावित रहेंगी। वहीं, दिल्ली, बैंगलुरू, हैदराबाद में ड्राइवर्स हड़ताल पर रहेंगे। ऐसे में आप पर इस हड़ताल का यह असर होगा कि आपको कैब सुविधा मिलने में मुश्किल होगी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट या व्‍यक्तिगत वाहन का इस्‍तेमाल करना पड़ेगा।

 

ये है हड़ताल की वजह

खबरों की मानें, तो एमएनएस के अध्यक्ष संजय नाइक ने कहा है कि ओला और उबर ने ड्राइवरों से बड़े वादे किए थे, लेकिन वे अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। ड्राइवरों ने पांच से सात लाख रुपये निवेश किए और उन्हें मासिक आधार पर डेढ़ लाख रुपये तक कमाने की उम्मीद थी, लेकिन वे इसका आधा भी नहीं कमा पा रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह इन कंपनियों के मैनेजमेंट का सही से काम न करना है। नाइक ने आरोप लगाया कि बुकिंग में ये कंपनियां उनके स्वामित्व वाली टैक्सियों को तरजीह देती हैं। इससे भी ड्राइवरों की कमाई पर असर पड़ा है।

 

 

भुगतान नहीं कर पा रहे ड्राइवर

संजय नाइक का दावा है कि इन कंपनियों ने मुद्रा योजना के तहत ऋण लेने के लिए ड्राइवरों को गारंटीपत्र तो दिए, लेकिन उनका कोई सत्यापन नहीं किया। अब उनकी लागत पूरी नहीं होने से वे इसका भुगतान करने में सक्षम नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय नाइक ने कहा है कि ये विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा। अगर कोई ड्राइवर हिंसा करता है, तो वे उनसे हाथ जोड़कर मना करेंगे।

 

मुंबई में इन कंपनियों की 45,000 से ज्यादा टैक्सियां

गौरतलब है कि मुंबई में इन कंपनियों की 45,000 से ज्यादा टैक्सियां हैं और अब काम कम होने से 20% कम टैक्सियां सड़कों पर दौड़ रही हैं। खबरों की मानें, तो नाइक ने दावा किया है कि ड्राइवरों ने इस मामले में हस्तक्षेप के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे से भी संपर्क किया है। इसके पहले पिछले साल सितंबर में कैब ड्राइवरों ने हड़ताल की थी। उस बार कम सैलरी का मुद्दा उठाया गया था…Next

 

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