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ऑनलाइन दोस्त आपसे पैसों की मांग करता है तो संभल जाइए !!

अत्याधिक व्यस्त और जटिल जीवनशैली होने के कारण आज सामाजिक संबंधों का दायरा बेहद सीमित होता जा रहा है. वक्त की कमी से जूझ रहे अधिकांश व्यक्तियों के पास ना तो नए दोस्त बनाने का समय बचता है और ना ही वह अपने पुराने संबंधों को समय दे पाते हैं. ऐसे में सोशल नेटवर्किंग साइटें, जो सीमित और कठिन दिनचर्या को थोड़ा सरल करने में सहायक सिद्ध हो रही हैं, आज के युग में एक वरदान से कम नहीं समझी जा सकतीं. सोशल नेटवर्किंग साइटों की मदद से दूर बैठे दो लोग आभासी रूप में ही सही नजदीक आकर एक-दूसरे को अपनी भावनाएं बयां कर सकते हैं.


onlineलेकिन जरा सी लापरवाही या असावधानी के कारण आधुनिक तकनीकों की देन कहीं जाने वाली ऐसी साइटें, विश्वासघात का भी एक बड़ा माध्यम बनकर उभर रही हैं. फेसबुक जैसी अन्य सोशल साइटों के माध्यम से हम ना सिर्फ अपने संबंधियों और दोस्तों के संपर्क में रह सकते हैं बल्कि दुनियां के किसी भी कोने में बैठे लोगों से दोस्ती भी कर सकते हैं. बस यहीं से शुरू हो जाता है धोखेबाजी का सिलसिला. फ्रेंड रिक्वेस्ट से शुरू हुई इस जान पहचान का पहले दोस्ती और फिर प्रेम संबंध का रूप लेना भी आज एक सामान्य घटनाक्रम बन गया है.


जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इन साइटों पर अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर बहुत से लोग गलत जानकारियां पोस्ट करते हैं. अपनी तस्वीर की जगह कोई फ्रॉड तस्वीर डालकर अन्य लोगों को आकर्षित करने वाले उपयोगकर्ताओं पर विश्वास करना समझदारी नहीं कहलाएगी, लेकिन फिर भी कुछ लोग अपने साथ हो रही धोखेबाजी को समझ नहीं पाते और बड़ी आसानी से ऑनलाइन स्कैम करने वाले लोगों के चंगुल में फंस जाते हैं.


यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर (लंदन) से संबंद्ध प्रोफेसर मोनिका विट्टी ने अपने एक अध्ययन के जरिए यह बात प्रमाणित की है कि ऑनलाइन प्रेम संबंध में लोगों के साथ विश्वासघात होने की संभावना अपेक्षाकृत अधिक होती है. विट्टी का कहना है कि ऑनलाइन मौजूद लोगों के साथ प्रेम संबंध बनाकर आप ना सिर्फ भावनात्मक शोषण का शिकार बनते हैं बल्कि आपके साथ वित्तीय धोखेबाजी होने का खतरा भी बढ़ जाता है.


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मोनिका विट्टी के अनुसार जब आपका ऑनलाइन डेटिंग संबंध भावनात्मक मोड़ ले लेता है तो अचानक आपका साथी, जो पूर्वनियोजित तरीके से आपको धोखा देने की सोच रहा है, को पैसों की जरूरत पड़ जाती है. वह सीधे आपसे पैसों की मांग नहीं करता लेकिन आपको इस कदर भावुक कर देता है कि आप उसकी आर्थिक सहायता करने से खुद को रोक नहीं पाते. लेकिन जैसे ही आप उसे पैसे दे देते हैं वह कहां गायब हो जाता है आपको खुद पता नहीं चलता.


ऑनलाइन डेटिंग की शिकार ग्यारह महिलाएं और चार पुरुषों के मानसिक हालातों को परखने के बाद यह देखा गया कि ऑनलाइन स्कैम के अंतर्गत वित्तीय धोखेबाजी के साथ-साथ प्रेम संबंध का भी अंत हो जाता है इसीलिए यह व्यक्ति को दुगना आहत करती है.


इस मसले पर हुए शोध के अंतर्गत यह पाया गया कि ऑनलाइन डेटिंग स्कैम से जुड़ी बहुत ही कम शिकायतें पुलिस तक पहुंचती हैं इसीलिए ऐसे मामले आंकड़ों से कहीं ज्यादा होते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है कि यहां पीड़ित को वित्तीय धोखेबाजी का ही सामना नहीं करना पड़ता बल्कि उसे भावनात्मक चोट भी पहुंचाई जाती है.


एक ऑनलाइन सर्वे के माध्यम से डॉ. टॉम बुचानन ने यह पाया कि प्रेम संबंधों पर विश्वास करने वाले और स्वभाव से बेहद भावनात्मक लोगों के साथ ऐसी धोखेबाजी होने की संभावना कहीं ज्यादा होती है.


उपरोक्त अध्ययन को अगर हम भारतीय परिदृश्य के अनुसार देखें तो पाश्चात्य देशों की तरह यहां भी ऑनलाइन डेटिंग की अवधारणा बेहद लोकप्रिय हो रही है. कभी वक्त की कमी ना होने के कारण तो कभी अपनी पसंद का साथी ना मिलने के कारण लोग इन साइटों के जरिए सच्चे प्रेमी को पाने की कवायद शुरू कर देते हैं. जबकि वह यह नहीं समझते या यूं कहें कि अति भावनात्मक होने के कारण वह यह समझ ही नहीं पाते कि सामने वाला व्यक्ति सिर्फ उनका मानसिक और वित्तीय शोषण कर रहा है. प्रेम भावनाओं ओत-प्रोत पीड़ित अपने ऑनलाइन साथी के साथ भविष्य के सपने देख रहा होता है और वहां उसका धोखेबाज साथी इसी फिराक में रहता है कि वह कब और किस तरह आपसे पैसे निकलवा सके. फेसबुक या अन्य सोशल नेटवर्किंग साइटों पर दोस्त बनाने में कोई बुराई नहीं है लेकिन किसी भी व्यक्ति पर अंधविश्वास करना स्वयं आपकी ही नासमझी कहलाएगी. समझदारी इसी में है कि हमें उन पर कितना विश्वास करना है इसका निर्धारण पहले से ही कर लिया जाए ताकि आगे होने वाली किसी भी प्रकार की धोखेबाजी को रोका जा सके.


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