मतदाता सूची में नाम जोड़ना या उसमें संशोधन करना बड़ी मशक्कत भरा काम माना जाता है। हालांकि, समय-समय पर प्रशासन की ओर से इस कार्य के लिए जगह-जगह कैंप लगाए जाते हैं। बावजूद इसके इसे लेकर समस्याएं बनी रहती हैं। कई बार अपने गृह जनपद से दूर रह रहा व्यक्ति समय पर मौजूद न रहने के कारण इससे जुड़ा काम नहीं करा पाता। हालांकि, अब जल्द ही इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा और घर बैठे ही आप मतदाता सूची में नाम जोड़ पाएंगे। आइये आपको बताते हैं कि कब शुरू होगी ये सुविधा और कैसे मिलेगा इसका लाभ।
चुनाव आयोग ने शुरू किया वेब बेस्ड एप्लिकेशन का इस्तेमाल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निर्वाचन प्रक्रिया में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए चुनाव आयोग ने एक वेब बेस्ड एप्लिकेशन का इस्तेमाल शुरू किया है। इसके जरिये वोटर आईडी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा। उस पर पता सही कराने या दूसरे राज्य में शिफ्ट होने पर पता बदलने के लिए लोगों को चुनाव कार्यालय या मतदाता केंद्र पर जाने की जरूरत नहीं होगी। घर बैठे वोटर्स एरोनेट (EROnet यानी इलेक्टोरल रोल्स सर्विसेज NeT) ऐप के जरिये अपनी मतदाता पहचान संबंधी सूचनाओं में कभी भी बदलाव कर सकेंगे।
इस ऐप से जुड़ चुके लगभग 22 राज्य
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया कि इस ऐप से अब तक लगभग 22 राज्य जुड़ चुके हैं। रावत का कहना है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में जहां कुछ समय पहले चुनाव हुए हैं, वहां यह सिस्टम लागू नहीं किया जा सका था। संभावना है कि इस सिस्टम से सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश जून तक जुड़ जाएंगे। उसके बाद इस सिस्टम को पूरे देश में लागू किया जाएगा। मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और कर्नाटक जैसे राज्य विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद इस सिस्टम से जुड़ेंगे। यानी जून से यह काम घर बैठे एक ऐप के जरिये हो जाएगा।
ओटीपी के जरिये किया जा सकेगा संशोधन
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि वोटर आईडी में संशोधन ओटीपी के जरिए किया जा सकेगा, जो मोबाइल पर भेजा जाएगा। यूजर के मोबाइल पर आने वाला ओटीपी यूनीक होगा। यह ऑनलाइन मॉनेटरी ट्रांजेक्शन के दौरान मिलने वाले ओटीपी की तरह ही होगा। जैसे ही मतदाता का पता बदलेगा, पुराना पता अपने आप मिट जाएगा। यह काम घर बैठे किया जा सकेगा। इस प्लेटफॉर्म से देशभर के लगभग 7500 निर्वाचन अधिकारियों के जुड़ने की उम्मीद है। वोटर की तरफ से रजिस्ट्रेशन होने या पहचान में बदलाव किए जाने पर उसके लिए निर्वाचन अधिकारी के पास एसएमएस अलर्ट जाएगा। इस सिस्टम से मतदाता सूची में पारदर्शिता आएगी और उसमें डुप्लिसिटी से बचाव हो सकेगा, क्योंकि सभी अपडेशन डिजिटल तरीके से होंगे…Next
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