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हर घंटे मर रहे 13 बच्‍चों की रिपोर्ट से पूरी दुनिया में खलबली, कहीं आपका लाडला भी इस बीमारी की चपेट में तो नहीं

वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार गंभीर बीमारी के कारण हर घंटे 13 बच्‍चों की मौत हो रही है। दुनियाभर से आए इन आंकड़ों ने चिकित्‍सकों की नींद उड़ा दी है। यूनीसेफ के चिकित्‍सकों ने अभिभावकों से अपील की है कि वह अपने बच्‍चे की तत्‍काल जांच कराएं और उन्‍हें नजदीकी स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र ले जाकर चिकित्‍सक से सलाह लें।

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan27 Nov, 2019

 

 

The government of Uganda have implemented a number of interventions for children exposed to HIV including point of care for early infant diagnosis of HIV and oral pellets for children living with HIV.Kansiime Ruth (25 years) ensures that both her children Lighton (1 year) and Joanita ( 4yrs) receive their pediatric HIV medicine at the same time every day. Lighton is now taking the oral pellets in place of the bitter syrup. This has helped alot in terms of getting her to take her medication and suppress her

 

 

हर दिन 300 बच्‍चों की मौत
बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य के ताजा आंकड़ों को लेकर आई यूनीसेफ की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में हर दिन 300 बच्‍चों की मौत हो जा रही है। यूनीसेफ की एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर हेनरीटा फोर ने दुनियाभर में बच्‍चों की मौतों को लेकर चिंता जताई है। उन्‍होंने बताया कि शोधकर्ताओं ने पाया है कि दुनियाभर में हर घंटे में 13 बच्‍चे एचआईवी या एड्स के कारण मौत का शिकार हो रहे हैं।

 

 

यूनीसेफ ने जारी की चेतावनी
यूनीसेफ की ओर से जारी वैश्विक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018 में हर दिन 320 बच्‍चों की मौत एचआईवी या एड्स संबंधित बीमारियों के कारण हुई है। 54 प्रतिशत बच्‍चे एचआईवी या एड्स से संबंधित बीमारी का शिकार पाए गए हैं। 2018 में 0 से 9 साल तक के डेढ़ लाख से ज्‍यादा नए बच्‍चों को एचआईवी ने अपना शिकार बनाया। इस तरह संक्रमित बच्‍चों की संख्‍या 10 लाख से ज्‍यादा पहुंच गई। इसके अलावा 5 साल से कम उम्र के 89000 बच्‍चे प्रेगनेंसी के दौरान संक्रमित हुए जबकि 75000 बच्‍चे स्‍तनपान के दौरान इस बीमारी की चपेट में आए।

 

 

F. and E. were sexually abused as children. A digital trail of the crimes continues to haunt the sisters a decade later.

 

 

लड़कों से ज्‍यादा लड़कियां संक्रमित
यूनीसेफ ने खुलासा किया है कि 2018 में टीनएज लड़कों से ज्‍यादा टीनएज लड़कियां एचआईवी से संक्रमित हुईं। टीनएज लड़कियों की संख्‍या 14000 हजार है तो लड़कों की संख्‍या 50000 के करीब है। यूनीसेफ के इन आंकड़ों से पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। इस बीमारी से प्रभावित 0 से 14 साल तक के आधे बच्‍चों तक ही जीवनरक्षक एंटीरेट्रोवायरल थैरेपी पहुंचाई जा सकी है। यूनीसेफ ने अभिभावकों से अपील करते हुए अपने बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य पर विशेध ध्‍यान देते हुए उनकी दिनचर्या, हावभाव पर नजर रखने की बात कही है।

 

 

Images: UNICEF Twitter

 

एचआईवी के कारण, लक्षण और बचाव
एचआईवी या एड्स के फैलने के कई कारण हैं। अगर संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध स्थापित किया जाएगा तो संक्रमण हो जाएगा। दूषित रक्त से, संक्रमित सुई के उपयोग से, एड्स संक्रमित मां से उसके होने वाली संतान को भी एचआईवी हो सकता है। एचआईवी संक्रमित व्‍यक्ति का वजन बेहद कम हो जाता है। उसे लगातार खांसी आना, बार-बार जुकाम होना, बुखार, सिरदर्द, थकान, शरीर पर निशान बनना, हैजा, भूख मिटना और शरीर में सूजन आना एचआईवी पीडि़त की निशानी हैं। इससे बचने के लिए शक होने पर तुरंत चिकित्‍सक से जांच कराएं और सलाह लें।…Next

 

 

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