लगातार कम होती सहनशीलता और सही सलाह नहीं मिलने के कारण छोटी सी कठिनाई आने पर भी लोग सुसाइड करने को ही अंतिम उपाय मानने लगते हैं। जबकि, दुनिया में ऐसी कोई भी परेशानी या कठिनाई नहीं है जो हल न हो सके। वैश्विक रिपोर्ट में सुसाइड को लेकर हुए खुलासे से दुनियाभर के बुद्धिजीवी चकित रह गए हैं।
हर 40 सेकेंड में एक सुसाइड
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की ओर से जारी रिपोर्ट में सुसाइड को लेकर मिथ और फैक्ट के बारे में खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में हर साल 8 लाख से भी ज्यादा लोग जिंदगी से हारकर सुसाइड कर लेते हैं। यानी हर 40 सेकेंड एक व्यक्ति सुसाइड कर लेता है। ऐसा करने वालों में ज्यादातर वह लोग हैं जो लंबे समय से अकेले और तनाव में रहे और अचानक उन्होंने सुसाइड कर लिया।
बढ़ते सुसाइड केस चिंता का विषय
सुसाइड को लेकर लोगों में गलत धारण है कि सुसाइड के बारे में पब्लिकली बात नहीं करनी चाहिए। WHO विशेषज्ञ मानते हैं कि सुसाइड की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए इस बारे में बात करनी जरूरी है। सुझाव दिया गया कि प्रत्येक व्यक्ति अपने सहयोगी, मित्र या जानने वाले व्यक्ति को तनाव, टेंशन में देखे तो तुरंत उसे सुसाइड के नुकसान और जिंदगी की खूबसूरती के बारे में बताए।
अकेलापन और तनाव बड़ी वजह
कई बार आपका दोस्त अकेलेपन और तनाव में रहते रहते अचानक सुसाइड कर लेता और आप अफसोस के सिवा कुछ कर नहीं पाते। इसलिए ऐसे लोगों से बात करें और उन्हें अपनी परेशानियों से निकलने के दूसरे रास्तों, विकल्पों के बारे में अवेयर करें। ज्यादा परेशानी दिखे तो उसे काउंसलिंग सेंटर ले जाकर मानसिक उपचार करवाएं।
80 देशों ने बचाव रणनीति बनाई
सुसाइड केस कम करने के लिए दुनियाभर के 38 देशों ने इसके लिए राष्ट्रीय स्तर बचाव रणनीति बनाई है। जबकि 80 देशों ने सुसाइड केस कम करने के लिए तनावग्रस्त लोगों पर निगरानी रखने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रकिया समेत डाटा बैंक तैयार किया है। ताकि ऐसे लोगों के बारे में समय समय पर जानकारी ली जा सके और उन्हे सुसाइड से बचाया जा सके।…NEXT
Read More:
क्रिसमस आईलैंड से अचानक निकल पड़े 4 करोड़ लाल केकड़े, यातायात हुआ ठप
हैंगओवर की दवा बनाने के लिए 1338 दुर्लभ काले गेंडों का शिकार, तस्करी से दुनियाभर में खलबली
Read Comments