आम लोगों के लिए एक बुरी खबर है, क्रूड ऑयल की कीमतों में बड़ा इजाफा हो सकता है और यह 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच सकता है। ऐसा होने पर भारत में पेट्रोल की कीमतें 90 रुपए तक जा सकती है और डीजल की कीमतें भी काफी हद तक बढ़ सकती हैं। इससे महंगाई और बढ़ेगी, क्रूड पहले से 2014 के बाद के उच्चतम स्तर पर है।
क्रूड की कीमतें बढ़ रही हैं
कंपनियों का कहना है कि सीरिया की हालत और खराब होने से मध्य-पूर्व के देशों में उथल-पुथल बढ़ गई है। इसके अलावा ईरान पर अमेरिका और यूरोपीय यूनियन द्वारा फिर से प्रतिबंध लगाने की आशंका है। इसका असर भी क्रूड कीमतों में इजाफा के रूप में सामने आ सकता है। क्रूड की कीमतें बढ़ने से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम और ऊपर जा सकते हैं। इससे महंगाई बढ़ने का खतरा और गहरा जाएगा। रोजाना तय होने वाले रेट का बोझ पहले से आम आदमी की जेब पर भारी साबित हो रहा है।
सीरिया और रूस में गहराया संकट
गौरतलब है कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने शनिवार को सीरियाई रासायनिक हमलों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। सीरिया पर हमले के बाद रूस और अमेरिका में तनातनी और बढ़ गई है। ऐसे में कुछ जानकारों को तीसरे विश्व युद्ध की आहट भी सुनाई पड़ने लगी है। इससे दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट भी दिख रही है। जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में क्रूड के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकते हैं, जो फिलहाल 71.85 डॉलर प्रति बैरल है। रिपोर्टर्स मुताबिक, अमेरिका के सीरिया पर हमले से मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ गया है।
मुंबई में पेट्रोल के दाम 82 रुपए तक पहुंच चुके हैं
अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ईरान पर फिर से नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इससे क्रूड कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। इसका गंभीर असर भारत पर होगा, मुंबई में पेट्रोल के दाम 82 रुपए तक पहुंच चुके हैं। आशंका है कि अगर क्रूड कीमतें 80 डॉलर पर पहुंचने से भारत में पेट्रोल की कीमतें 90 रुपए प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच सकती हैं।
इराक, सऊदी अरब और ईरान जैसे बड़े तेल उत्पादक देश हैं
भारतीय ऑयल कंपनियां ज्यादातर तेल आयात करती हैं। क्रूड ऑयल की कीमतों का भुगतान भी अमेरिकी डॉलर में होता है। क्रूड के दाम बढ़ने से उन्हें डॉलर में भुगतान भी ज्यादा करना होगा। इससे रुपया कमजोर होगा, इससे अन्य चीजों का आयात भी महंगा हो जाएगा। इसका बुरा असर सरकार के फिस्कल डेफिसिट और करेंट अकाउंट डेफिसिट पर होगा। सीरिया भले ही वैश्विक पेट्रोलियम आपूर्ति का केवल 0.04 फीसदी का ही उत्पादन करता है, लेकिन इसके पड़ोस में कई बड़े तेल उत्पादक मुल्क हैं। सीरिया के बगल में इराक, सऊदी अरब और ईरान जैसे बड़े तेल उत्पादक देश हैं।…Next
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