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युवती का यह रूप देख लोग हो गये अचम्भित

कौन कहता है कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता? जिस तरह एक अकेला खिलाड़ी हारते खेल का रूख पलट सकता है, दुश्मनों के दाँत खट्टे कर सकता है उसी तरह अकेला चना भाड़ भी फोड़ सकता है. अकेला व्यक्ति आसमान में छेद कर सकता है यह सम्भव है. किसी के सपने और उसके सच होने के बीच एकमात्र अंतर उसके हौसले का होता है. इतिहास हमेशा उनके बेमिसाल जज़्बों के आगे नतमस्तक होता है जो आसमान की दूरी मापने वाले हौसलों को पालकर परिवर्तन लाने का माद्दा रखते हैं.


basanti kumarii


आसमाँ की दूरी नापने का हौसला रखने वाली एक शिक्षिका के जीवन के कुछ अंश जो जीवन के ठोकरों को झेलते-झेलते निराशा की चादर में स्वयं को लपेट लेने वाले लोगों के लिये एक आशा की किरण साबित हो सकती है. एक ऐसी किरण जिसकी रौशनी पड़ते ही इंसान स्वस्फूर्त उठ खड़ा होता है  और फिर उसके तेज के आगे जिंदगी का समस्त अँधेरा बौना प्रतीत होने लगता है.


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ये एक ऐसे शिक्षिका की जीवनी का अंश है जिसकी हाथों की लकीरें नहीं है. हाथ नहीं होने से उस पर होने वाली आड़ी-तिरछी लकीरें न ही किसी ने देखी और बिना लकीरें देखे उसके भविष्य का किसी ने अनुमान नहीं लगाया. लेकिन बिना हाथों की लकीरों वाली इस युवती ने अपनी मशहूर भविष्य अपने बुलंद हौसलों के बुनियाद पर खड़ी की.


basanti kumari


आस-पास के लोगों ने शारीरिक रूप से असक्षम बसंती कुमारी को मार देने की सलाह दी थी. लेकिन माँ की ममता ने एक बार फिर बाहर से दिमाग में ठूँसे जा रहे विचारों पर तरजीह पायी. अपनी बेटी को माँ ने विद्यालय भेजना शुरू किया. सिंदरी की बसंती ने वर्ष 1993 में दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की. अपनी पढ़ायी के खर्चों को पूरा करने के लिये उसने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया.


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कुछ वर्षों बाद संविदा के आधार पर उसकी नौकरी एक विद्यालय में शिक्षिका के तौर पर हुयी. बच्चों को पढ़ाने के दौरान वह श्यामपट्ट का इस्तेमाल वैसे ही करती है जैसे कोई अन्य शिक्षक करता है. अंतर बस इतना है कि जहाँ अन्य शिक्षक-शिक्षिकायें उस पर लिखने के लिये अपने हाथों का इस्तेमाल करते हैं वहीं बसंती अपने पैरों से श्यामपट्ट पर अक्षरों से बच्चों को ज्ञान का बोध कराती हैं. अपने पैरों का इस्तेमाल वह विद्यार्थियों की कॉपी-जाँच के समय भी करती है. वास्तव में बसंती की जीवटता की सानी कम ही है. उनके बुलंद हौसलों ने उन्हें कई सम्मान दिलाये हैं. लेकिन उनकी इस जीवटता ने समाज के कई लोगों को जीने की प्रेरणा दी है. Next….


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