इस पैराग्राफ के नीचे जो तस्वीर है उसे गौर से देखें. हां हम जानते हैं इसे इतना भी गौर से देखने की जरूरत नहीं है. पहली नजर में ही आपको सारा माजरा समझ में आ गया होगा. नैतिकता के एक और स्वयंभू ठेकेदार का जन्म हुआ है. मुंबई के जूहू और विले पार्ले क्षेत्र में कुछ ऐसे ही पोस्टर देखने को मिले हैं.
खासबात है कि इन पोस्टरों के जरिए सिर्फ महिलाओं को नैतिकता का पाठ पढ़ाया जा रहा है. ऐसे पोस्टर कई चौराहों, ट्रैफिक सिग्नल, और बाजारों के दीवारों आदि पर लगाए गए हैं. इन पोस्टरों पर इस तरह के संदेश लिखे हैं, “जो महिलाएं सभ्य कपड़े पहनती हैं, आम जनता उसे अच्छी नजर से देखती है.” अब यह समझ पाना मुश्किल है कि इस पोस्टर के पीछे जो है वे महिलाओं को सुझाव दे रहे हैं या चेतावनी. बहरहाल ऐसे संदेशों और पोस्टर के पीछे जो लोग हैं उनकी मानसिकता को आसानी से समझा जा सकता है.
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अबतक यह नहीं पता चल पाया है कि इन पोस्टर के पीछे किसका हाथ है. यह किसी एक व्यक्ति की करतूत है या विकृत मानसिकता के किसी समूह की. हालांकि इन पोस्टरों में एक आदमी की तस्वीर है और उसका नाम और फोन नंबर लिखा हुआ है. इस आदमी का नाम मनोज गौर लिखा है और पते के तौर पर जूहू-चर्च-मुंबई लिखा हुआ है. अबतक यह नहीं पता चल पाया है कि इन पोस्टरों के पीछे वही व्यक्ति जिम्मेवार है जिसकी फोटो इन पोस्टरों पर छपी है.
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इन पोस्टरों से क्षेत्र के निवासी काफी गुस्से में हैं और उन्होंने क्षेत्रीय थाने में इसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है. क्षेत्र के निवासी विक्रांत देसाई का कहना है, “हमारी बेटियां, मां, पत्नियां और दोस्त इन पोस्टरों के कारण अपमानित और डरा हुआ महसूस कर रहे हैं. पुलिस ऐसी हरकतों को कैसे होने दे सकती है. हम इन पोस्टरों के पीछे जो लोग हैं उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग करते हैं.” विक्रांत देसाई ने बताया कि ऐसे ही पोस्टर कुछ दिन पहले गुजरात के पोरबंदर में भी देखने को मिले थे. इन पोस्टरों में महिलाओं को चेतावनी दी गई थी कि वे अनुचित कपड़े पहनकर घर से बाहर कदम न रखें. Next…
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