उर्दू अदब के मशहूर शायर राहत इंदौरी साहब अब इस दुनिया में नहीं हैं। वह 11 अगस्त की शाम को दो हार्ट अटैक आने की वजह से इंतकाल फरमा गए। यूं तो राहत इंदौरी की हर नज्म और शायरी चर्चित है, लेकिन उनकी एक शायरी की दो लाइनें कुछ दिनों में ही इतनी ज्यादा पापुलर हुईं कि बच्चे बच्चे की जुबान पर रट गईं।
राहत कुरैशी से बन गए राहत इंदौरी
राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर के कपड़ा मिल में काम करने वाले रफतुल्लाह कुरैशी के घर हुआ था। राहत इंदौरी चार भाई बहन थे और उनके बचपन का नाम राहत कुरैशी था जो बाद में राहत इंदौरी हो गया। राहत इंदौरी ने अपना ग्रेजुएशन इंदौर से ही किया था। इसके बाद उन्होंने उर्दू साहित्य में मास्टर्स और पीएचडी भोपाल से की थी। राहत इंदौरी को नए अंदाज में शायरी के लिए जाना जाता है।
लोगों से दो गुजारिशें कीं जो आखिरी बन गईं
राहत इंदौरी ने 11 अगस्त को अस्पताल से अपने चाहने वालों से सोशल मीडिया के जरिए दो गुजारिशें की थीं, जो उनके लिए आखिरी साबित हुईं। उन्होंने गुजारिश की थी कि ‘दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं।’ उन्होंने आगे लिखा कि ‘एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फोन ना करें, मेरी खैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी।’ राहत इंदौरी की ये दोनों गुजारिश उनकी आखिरी गुजारिश बन गईं।
राहत इंदौरी के 10 सुपरहिट गाने
राहत इंदौरी ने अपने करियर की शुरुआत मुशायरों से की। वह अखबारों में शायरी लिखा करते थे। बाद में उन्हें फिल्मी गानों को लिखने का भी मौका मिला। उन्होंने बॉलीवुड में कई दर्जन गाने लिखे हैं। 10 गाने ऐसे है जो उनकी कलम से निकलते ही सुपरहिट हो गए।
1. फिल्म करीब का गीत चोरी चोरी जब नजरें मिलीं
2. फिल्म इश्क का देखो देखो जानम हम तेरे लिए आए
3. फिल्म इश्क नींद चुराई मेरी तूने ओ सनम
4. फिल्म घातक का कोई जाए तो ले आए
5. फिल्म मीनाक्षी का ये रिश्ता क्या कहलाता है
6. फिल्म मुन्नाभाई का एम बोले तो बोले तो
7. फिल्म मर्डर का दिल को हजार बार रोका
8. फिल्म खुद्दार का तुमसा कोई प्यारा कोई मासूम नहीं है
9. फिल्म जानम का दिल जिगर के जान अच्छा है
1. फिल्म बेगम जान का मुर्शिदा
बच्चे बच्चे की जुबां पर है ‘बुलाती है मगर जाने का नइ’
राहत इंदौरी की मशहूर शायरी ‘बुलाती है मगर जाने का नई’ इतनी ज्यादा पापुलर हुई कि हर बच्चे बच्चे को याद हो गई। 2020 में टिकटॉक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो गई। खासकर इसकी शुरुआती दो लाइनें। इसे राहत इंदौरी की सबसे ज्यादा सुनी गई शायरी होने का भी दावा किया जाता है।
बुलाती है मगर जाने का नइ
ये दुनिया है इधर जाने का नइ
मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर
मगर हद से गुजर जाने का नइ
कुशादा ज़र्फ़ होना चाहिए
छलक जाने का भर जाने का नइ
सितारें नोच कर ले जाऊंगा
मैं खाली हाथ घर जाने का नइ
वबा फैली हुई है हर तरफ
अभी माहौल मर जाने का नइ
वो गर्दन नापता है नाप ले
मगर जालिम से डर जाने का नइ।।
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