कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन और दवा खोज रहे वैज्ञानिकों ने डोनर्स के ब्लड में वायरस को मारने वाला पुख्ता तरीका मिलने के संकेत दिए हैं। वैज्ञानिकों ने इस दिशा में परीक्षण शुरू करते हुए ब्लड डोनर्स के प्लाज्मा, प्लेटलेट्स समेत खून के हर हिस्से की जांच करनी शुरू कर दी है।
रेड क्रॉस को मिले संकेत
दुनियाभर के लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्था रेड क्रॉस ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण यह अनिश्चितकाल का समय है। कोरोना महामारी के इलाज के लिए वैक्सीन और दवाओं की खोज के लिए विश्व के सर्वोत्तम वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स की टीमें जुटी हुई हैं। इस दिशा में ह्यूमन ब्लड से वायरस को खत्म करने के संकेत मिले हैं।
डोनर्स के ब्लड में छिपा कोरोना का इलाज
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक रेड क्रॉस एक नॉनप्राफिट वैश्विक स्वास्थ्य संगठन है। जो दुनियाभर में रक्त समेत ह्यूमन हेल्थ के लिए काम करता है। सीएनएन के मुताबिक रेड क्रॉस ब्लड ने डोनर्स के खून से कोरोना वायरस को खत्म करने वाली एंटीबॉडी तलाशने के लिए परीक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया है।
अमेरिका ने दी परीक्षण की मंजूरी
रेड क्रॉस ने यह परीक्षण अमेरिका में शुरू किया है और अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे मंजूरी दे दी है। इस परीक्षण के तहत ब्लड डोनर्स के खून के हर हिस्से की जांच की जाएगी। प्लाज्मा और प्लेटलेट्स के परीक्षण से यह पता किया जाएगा कि ब्लड से कोरोना वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी उत्पन्न हो रहे हैं या नहीं।
वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी का पता चलेगा
सीएनएन के अनुसार रेड क्रॉस के ब्लड परीक्षण से रक्तदाताओं को यह पता चल सकेगा कि वह भविष्य में कोरोना महामारी की चपेट में आ सकते हैं या नहीं। इस परीक्षण से यह भी पता चलेगा कि वायरस से संक्रमित होने वाले व्यक्ति के खून ने वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित किए या नहीं। अगर किए हैं तो उनका प्रतिशत कितना है।
इम्यून सिस्टम की मजबूती भी पता चलेगी
रेड क्रॉस के अनुसार यह परीक्षण कोरोना को हराने में एंटीबॉडी, इम्यून सिस्टम के विकसित होने और मजबूत होने के बारे में भी रिपोर्ट देगा। वहीं, इस परीक्षण का दूसरा मकसद ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया को बढ़ाना है। क्योंकि कोरोना महामारी के चलते ब्ल्ड डोनेशन कार्यक्रम ठप पड़े हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।..NEXT
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