आपने शायद सोचा होगा कि किसी भी प्रेम संबंध (Love Relation) की सफलता आपके व्यक्तिगत स्वभाव (Individual Behavior) पर निर्भर करती है, जैसे कि, एक-दूसरे के प्रति ईमानदारी (Honesty), आपसी समझ (Mutual Understanding) आदि. लेकिन हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण (Research) ने आपकी इस अवधारणा को गलत साबित कर यह प्रमाणित कर दिया है कि प्रेम संबंध (Love Relation) केवल ईमानदारी के भरोसे ही नहीं टिक सकते, बल्कि इनकी स्थिरता (Stability) तो बाहरी लक्षणों (Outlook) पर अधिक निर्भर करती है. आप कैसे दिखते हैं, कैसे उठते-बैठते हैं, कैसे कपड़े पहनते हैं आदि ऐसे जरूरी मानक (Parameters) हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि आपका साथी (Partner) आपसे मिलने में, आपसे बात करने में कितनी दिलचस्पी (Interest) रखता है या खुद को आपके साथ कितना सहज (Comfortable) महसूस करता हैं
लेकिन केवल बाहरी आकर्षण (Outlook) के आधार पर कोई संबंध (Relation) कब तक टिक सकता है, या कितना सफल (Successful) हो सकता है, इस बात को साबित करने के लिए ऐसे किसी शोध (Study) की जरूरत नही हैं, क्योंकि आजकल संबंधों का टूटना बनना तो आम देखा जा सकता. इसका सबसे बड़ा कारण है कि बदलती जीवन शैली (Lifestyle) के साथ-साथ, लोगों की प्राथमिकताओं (Priorities) में भी अंतर आने लगा है. पहले जो प्रमुखता (Importance) आपके स्वभाव, आपके आचरण (Character) को दी जाती थी आज उससे कहीं ज्यादा महत्व आपके बाहरी व्यक्तित्व को दिया जाता हैं. आप कैसे दिखते हैं ये कहीं ज्यादा अहमियत रखता है बजाए इसके कि आप कैसा आचरण करते हैं. इसके अलावा आप अपने साथी के सामने खुद को किस प्रकार प्रस्तुत (Present) करते हैं और अपने व्यवहार (Behavior) से उसे कितना प्रभावित करते हैं, यह बात आपके रिश्ते (Relationship) में अधिक महत्व रखती है.
इसी का परिणाम है कि अकसर महिलाएं शांत (Calm) और गंभीर पुरुषों के मुकाबले उदंड व्यक्तित्व (Personality) वाले पुरुषों में ज्यादा दिलचस्पी (Interest) लेती हैं, जिसका खामियाजा कभी न कभी उन्हें भुगतना ही पड़ता है. इसका कारण यह है कि ऐसे पुरुष अपने रफ-टफ व्यवहार (Behavior) की वजह से सीधे-सादे (Simple) पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को जल्दी प्रभावित कर जाते हैं. लेकिन वह रिश्ता (Relationship) जो केवल दिखावे (Pretension) के आधार पर बना हो, उसकी उमर छोटी होना लाजमी ही है. क्योंकि दिखावे पर आधारित कोई भी संबंध अधिक समय तक नहीं टिक सकता, वास्तविकता (Reality) सामने आते ही संबंधों में दरार पड़ने लगती है. या एक दूसरे का साथ, उबाऊ (Boring) लगने लगता है.
प्रेम संबंधों की बात छोड़ भी दी जाए, तो हमारे आस-पास के लोगों की मानसिकता (Mentality) भी बहुत जल्दी और अजीब तरीके से परिवर्तित हुई है, अब वह आपके बाहरी व्यक्तित्व (Outer Personality) को देखकर ही आपके लिए अपनी राय बना लेते हैं और उसी के आधार पर आपको आंका (Judge) जाने लगता है. आज आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा (Social Reputation) इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितने महंगे कपड़े पहनते हैं या अपनी बोल-चाल से लोगों को किस तरह प्रभावित (Impress) करते हैं.
खुद को दूसरों से बेहतर साबित करने की होड़ में, हम वास्तविकता (Reality) से दूर होते जा रहे हैं या यूं कहें तो इसे अपनाना नहीं चाहते, लेकिन सच तो यही है कि भले ही बाहरी आकर्षण एक बार को दूसरों को प्रभावित कर सकता है लेकिन आपका समग्र व्यक्तित्व ही एकमात्र ऐसी कसौटी है जिसे प्राप्त कर आप स्वयं समाज में अपनी भूमिका का चुनाव कर सकते हैं और अपने आस-पास के लोगों पर अमिट छाप छोड़ सकते हैं.
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