आपका बैंक अकाउंट अगर एसबीआई बैंक में है, तो आपको कुछ नए नियम जान लेने चाहिए, जो 1 मई से बदलने जा रहे हैं, जिससे कि आपको आगे जाकर कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। आइए, जानते हैं एसबीआई के बदले हुए नियम के बारे में जानते हैं।
SBI देश का पहला ऐसा बैंक बन गया है जिसने अपने लोन और डिपॉजिट रेट को सीधे RBI के रेपो रेट से जोड़ दिया है। बड़ी बात यह है कि इस नए नियम से ग्राहकों को सस्ता लोन मिल सकता है। हालांकि, 1 मई के बाद बैंक के सेविंग्स अकाउंट पर पहले के मुकाबले कम ब्याज देगा।
रेपो रेट से तय होगा लोन पर ब्याज दर
दरअसल अभी तक बैंक मार्जिनल कोस्ट ऑफ फंड बेस लेंडिंग रेट (MCLR) के आधार पर लोन का ब्याज दर तय होता आया है। जिससे कई बार ऐसा होता था कि रेपो रेट में कटौती के बावजूद बैंक MCLR में कोई राहत नहीं देता था। MCLR में राहत नहीं मिलने से आम आदमी को रेपो रेट में कटौती का कोई फायदा नहीं मिल पाता था लेकिन अब नए नियम से ग्राहकों को सीधा फायदा पहुंचने वाला है।
इससे क्या होगा फायदा
भारतीय स्टेट बैंक 1 मई से ब्याज दर को रेपो रेट से जोड़ने जा रहा है, यानी RBI जब भी रेपो रेट में बदलाव करेगा तो उसका असर अकाउंट धारक पर भी होगा। वहीं पहली मई से SBI से 30 लाख रुपये तक के लोन पर 0.10 फीसदी कम ब्याज देना पड़ेगा। फिलहाल 30 लाख रुपये तक के लोन की ब्याज दर 8.60 से 8.90 फीसद के बीच है। SBI ने अपनी MCLR भी 0.05 फीसदी कम कर दिया है।…Next
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