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6 वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंची, पहली वैक्सीन आने में बचा अब थोड़ा समय, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

 

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan7 Aug, 2020

 

 

कोरोना महामारी को थामने के लिए दुनियाभर में वैक्सीन विकसित करने में तेजी आती दिख रही है। 6 वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। वैक्सीन विकसित करने के मामले में चीन सबसे आगे निकलता दिख रहा है क्योंकि उसकी 3 वैक्सीन ह्यून ट्रायल के अंतिम फेज में हैं। आईए जानते हैं वैक्सीन की संभावनाओं को लेकर विशेषज्ञ क्या कहते हैं।

 

 

 

 

200 वैक्सीन परीक्षण स्टेज पर
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि कोरोना वैक्सीन वि​कसित करने की​ दिशा में लगातार सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 200 से ज्यादा कोरोना वैक्सीन विकसित की जा रही हैं। इनमें से 24 क्लीनिकल स्टेज पर हैं। जबकि, 6 वैक्सीन अपने परीक्षण के अंतिम चरण में हैं।

 

 

 

 

चीन की 3 वैक्सीन अंतिम चरण में
ह्यूमन ट्रायल के अंतिम फेज में पहुंचने वाली 6 वैक्सीन में 3 चीन की हैं। जबकि, एक अमेरिका, एक ब्रिटेन और एक रूस की वैक्सीन है। अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन के अंतिम चरण के हृयूमन ट्रायल ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में चल रहे हैं। जबकि, रूस की वैक्सीन के अंतिम चरण का रिजल्ट अब कुछ ही दिनों में आने वाला है।

 

 

 

 

भारतीय वैक्सीन मानव परीक्षण के दूसरे चरण में
देश में भारत बायोटेक और आईसीएमआर के सहयोग से विकसित हो रही कोरोना की कोवैक्सीन का पहला ह्यूमन ट्रायल फेज सफल रहा है। यह वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के दूसरे चरण में चल रही है। भारतीय कोवैक्सीन का ह्यूमन परीक्षण देश, पटला एम्स, दिल्ली एम्स, रोहतक पीजीआई, कानपुर मेडिकल कॉलेज समेत 12 सेंटर्स पर चल रहा है।

 

 

 

 

आखिर कब तक आएगी वैक्सीन
रूस ने सबसे पहले अपनी वैक्सीन लांच करने का ऐलान किया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के उप स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिडनेव ने कहा कि रूस 12 अगस्त को कोरोना वायरस की पहला वैक्सीन रजिस्टर करा लेगा। जबकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि मॉडर्ना वैक्सीन अंतिम परीक्षण जल्द पूरा करने वाली है। उम्मीद है कि इस साल के नवंबर में वैक्सीन आ जाएगी।

 

 

 

 

एक वैक्सीन बनने में कितना समय लगता है
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्य स्वामीनाथन के मुताबिक एक वैक्सीन को बनाने में कम से कम 4 से 5 साल का समय लग जाता है। यह समय सीमा 10 साल भी हो सकती है। अलजजीरा से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वैक्सीन के इतिहास के अनुसार 10 फीसदी से भी कम वैक्सीन अंतिम चरण में सफल हो पाती हैं। कोरोना महामारी के गंभीर परिणाम को देखते हुए एक साल के अंदर वैक्सीन के परीक्षण किए जा रहे हैं। ऐसे में संभव है कि वैक्सीन एक साल के अंदर बन जाए।..NEXT

 

 

 

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