‘प्यार पंछी सोच पिंजरा दोनों अपने साथ हैं, एक सच्चा, एक झूठा दोनों अपने साथ हैं.
ये बदन की दुनियादारी और मेरा दरवेश दिल, झूठ माटी, सांच सोना दोनों अपने साथ हैं.’
मशहूर लेखक और कवि बशीर बद्र की इस कविता में जिदंगी की वो सच्चाईयां छुपी हुई है, जिन्हें हम दिल की गहराईयों में जानते तो हैं लेकिन स्वीकार नहीं करना चाहते. ‘प्यार’ एक पंछी की तरह है जो समाज की बनाई सभी बंदिशों को तोड़कर आजाद गगन में उड़ना चाहता है. लेकिन हमारी सोच एक पिंजरे की तरह है जो समाज के जर्जर पड़ चुके नियमों और रिवाजों के बारे में सोचकर अपने कदम पीछे हटा लेती है. आप ही सोचिए, अगर कोई प्यार करने से पहले किसी इंसान की जाति, धर्म, समुदाय आदि पहलुओं के बारे में जानकर प्यार की तरफ कदम बढ़ाए तो इसे ‘प्यार’ कौन कहेगा. ये तो सोचा-समझा एक सौदा होगा. लेकिन दुख की बात ये है कि आज भी अधिकतर लोग इस तरह ही अपने प्यार की तलाश करते हैं.
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दूसरी ओर इस भीड़ में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो समाज की पुरानी धारणाओं से ऊपर उठकर न सिर्फ अपने प्यार को अंजाम तक पहुंचाते हैं बल्कि समाज के सामने एक मिसाल भी पेश करते हैं. ऐसी ही अनोखी मिसाल पेश की, कुछ ऐसे लोगों ने, जिन्हें देखकर अक्सर लोग अपनी नजरें तिरछी कर लेते हैं. हम बात कर रहे हैं ‘एलजीबीटी’ कम्युनिटी से जुड़े हुए ‘ट्रांसजेंडर्स’ की. जिन्होंने प्यार का दिन माने जाने वाले ‘वैलेंटाइन डे’ पर अपने प्यार को पहचान दी. कश्मीरी गेट के कम्यूनिटी सेंटर में ‘दिल धड़कने दो’ थीम पर सजे विवाह मंडप में 6 ट्रांसजेंडर ने अपने प्यार के साथ फेरे लिए. इस शादी की सबसे खास बात ये है कि इनके साथ विवाह करने वाले पुरूष इनकी कम्युनिटी के नहीं थे, इसलिए ये शादी समाज के लिए एक मिसाल और नई दिशा की तरह है जहां इन पुरूषों ने दुनिया की परवाह न करते हुए अपने ट्रांसजेंडर पार्टनर्स से शादी के बंधन में बंधने का बोल्ड फैसला लिया.
इन कपल्स में से जानंशी और अली की लव स्टोरी बड़ी ही दिलचस्प है. मुस्कुराते हुए जानंशी ने बताया ‘हमारी पहली मुलाकात एक दोस्त की पार्टी में हुई थी. फिर धीरे-धीरे बातचीत से करीब आते गए. पर जब अली ने मेरे सामने शादी करने की इच्छा जाहिर की तो मुझे यकीन नहीं हुआ. आज हम दोनों बहुत खुश हैं. वहीं दुल्हे के शानदार लिबास में सजे अली ने बताया ‘ मेरे घरवालों ने इस फैसले की वजह से नहीं अपनाया. लेकिन मैंने जानंशी से साथ निभाने का वादा किया था. इसलिए मैं सबकुछ छोड़कर, इनके पास आ गया.’ इनके साथ ही विवाह मंडप शेयर करते पायल और अजय शर्मा दूल्हा-दुल्हन के लिबास में बहुत शानदार लग रहे थे.
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पायल ने अपनी पहली मुलाकात के बारे में बताया ‘हम दोनों जम्मू-कश्मीर में एक ढाबे पर मिले थे. जहां ये लगातार मुझे देखते जा रहे थे. फिर मैंने इनसे बात की और फिर जान-पहचान बढ़ने लगी और प्यार हो गया. लेकिन मुझे कभी-कभी डर भी लगता था कि कहीं अजय मुझे धोखा देकर चले न जाए. फिर एक-दूसरे के साथ काफी वक्त बिताने के बाद आखिरकार हमने एक-दूसरे का होने का फैसला कर लिया’. इससे आगे पायल कहती हैं ‘मुझे पता है मुश्किलें अभी और भी आने वाली है लेकिन हम दोनों अब साथ हैं.’ सालों से एलजीबीटी कम्युनिटी के अधिकारों के लिए काम कर रहे ‘स्पेस एनजीओ’ के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अनजान जोशी बताते हैं ‘हमारे समाज की सोच ही ऐसी है जिसमें कोई भी इन लोगों को इतनी आसानी से नहीं अपनाता.
बल्कि खुद इनके परिवारवाले भी इनका साथ नहीं देते. अगर इन्हें परिवार का सपोर्ट मिले, तो ये लोग भी सामान्य जीवन जी सकते हैं. ट्रांसजेंडर्स भी शादी करके अपना घर बसाना चाहते हैं और इन्हें अपनाने के लिए सोसायटी को अपनी सोच बदलनी होगी. तभी ये लोग हमारी दुनिया का अहम हिस्सा बन सकेंगे. जोशी आगे कहते हैं कि ‘अक्सर ऐसा देखने में आता है कि ऐसे रिलेशनशिप में कुछ समय साथ रहने के बाद पुरूष, ट्रांसजेंडर पार्टनर को छोड़ देते हैं और किसी महिला से शादी कर लेते हैं. इसलिए हम उन्हीं 6 कप्लस की शादी करवा रहे हैं जो काफी समय से साथ रह रहे हैं और उन्हें एक-दूसरे पर पूरा विश्वास है’.स्पेस एनजीओ की इस पहल से उम्मीद की जा सकती है कि सरकार, कानून और समाज भी किसी तरह इस बदलाव का हिस्सा बनकर एक नई मिसाल कायम करेंगे…Next
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