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घर में लगाई है मेड, तो खुलवाना पड़ेगा सोशल सिक्‍योरिटी अकाउंट!

केंद्र सरकार हर कामकाजी व्‍यक्ति के लिए सामाजिक सुरक्षा को लेकर काफी सजग है। इसमें भी गैरसंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है। इसी को देखते हुए अब घर में काम करने वाली मेड को लेकर योजना बनाई गई है। इसके तहत अगर आपके घर में मेड काम करती है, तो आपको उसका सोशल सिक्योरिटी अकाउंट खुलवाना होगा। इस अकाउंट के जरिए उसको प्रॉविडेंट फंड, पेंशन सहित दूसरी सोशल सिक्योरिटी सुविधाएं मिलेंगी। आइये आपको इसके बारे में विस्‍तार से बताते हैं।

 

 

संसद की मंजूरी के बाद होगा लागू

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार ने इसके लिए सोशल सिक्योरिटी कोड 2018 का ड्राफ्ट तैयार किया है। आने वाले समय में इस कोड को संसद में पेश किया जाएगा। संसद की मंजूरी के बाद यह कोड लागू हो जाएगा। सोशल सिक्योरिटी कोड के मसौदे में कहा गया है कि अगर कोई परिवार घरेलू काम के लिए डोमेस्टिक हेल्पर रखता है, तो परिवार के मुखिया को मे‍ड का सोशल सिक्योरिटी के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन कराने के साथ मेड का विश्वकर्मा कार्मिक सुरक्षा खाता खुल जाएगा। यह खाता मेड या डोमेस्टिक हेल्पर के आधार से लिंक होगा। यह खाता पोर्टेबल भी होगा, जिससे मेड के काम करने की जगह बदलने के बाद नया खाता न खुलवाना पड़े।

 

 

आधार बेस्ड होगा रजिस्ट्रेशन 

खबरों की मानें, तो कोड में प्रस्ताव किया गया है कि एम्प्लॉयर (मेड रखने वाला परिवार) के लिए एक तय समय में वर्कर का सोशल सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। तय समय में यदि मेड का रजिस्‍ट्रेशन नहीं कराया जाता है, तो पेनल्टी देनी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में सरकार मेड को भी यह सुविधा देगी कि वह खुद सोशल सिक्योरिटी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सके। कोड के मसौदे के तहत एक यूनिवर्सल रजिस्ट्रेशन सिस्टम बनाया जाएगा। इस सिस्टम में सभी एक्टिव वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित होगा। एक्टिव वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन आधार बेस्ड होगा। रजिस्ट्रेशन के तौर-तरीके सेंट्रल बोर्ड तय करेगा।

 

 

मातृत्व अवकाश मिलेगा

इसके अलावा फील्ड में रजिस्ट्रेशन का काम लोकल बॉडीज जैसे ग्राम पंचायत और म्युनिसिपल बॉडीज करेंगी। बताया जा रहा है कि कोड में यह प्रावधान भी है कि स्टेट बोर्ड वर्कर्स को रजिस्ट्रेशन की सुविधा मुहैया कराने के लिए फैसिलिटेशन सेंटर मुहैया कराएंगे। वे यह काम सार्वजनिक-निजी भागीदारी (प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप-पीपीपी मॉडल) पर भी कर सकेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोड में कहा गया है कि सभी तरह के वर्कर, चाहे वे संगठित क्षेत्र में काम कर रहे हों या गैर संगठित क्षेत्र में, उनको मातृत्व अवकाश मिलेगा। यानी अगर आपके परिवार में मेड काम करती है, तो उसे भी 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। आप इस अवधि में उससे काम नहीं करा सकेंगे…Next

 

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