आमतौर पर कॉपोरेट ऑफिस और बड़े रेस्टोरेंट में वाशरूम में हैंड ड्रायर लगा होता है, जिससे टिशू पेपर की बचत होती है। कई लोगों का मानना है कागज से बनने वाले टिशू पेपर के कम इस्तेमाल से पेड़ों का कटाव भी कम होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हैंड ड्रायर चाहे टिशू पेपर की बचत क्यों न करते हो लेकिन आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं हैं।
हाथों में चिपक जाते हैं बैक्टीरिया
ऐप्लाइड ऐंड इन्वाइरनमेंटल माइक्रोबायॉलजी नाम के जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी के नतीजे बताते हैं कि टॉइलट में लगे हैंड ड्रायर के सामने महज 30 सेकंड के लिए रखी गई प्लेट्स पर 18 से 60 बैक्टीरिया पाए गए। इस स्टडी के ऑथर्स ने बताया कि यह नतीजे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि कई बैक्टीरिया जिसमें पैथोजन और स्पोर्स जैसे बैक्टीरिया भी शामिल हैं वे हैंड ड्रायर के नीचे हाथ रखने पर आपके हाथों पर चिपक जाते हैं।
हैंड ड्रायर से ऐसे बढ़ते हैं बैक्टीरिया
स्टडी के ऑथर ने पाया कि वैसे तो ड्रायर के नॉजल यानी टोंटी पर बैक्टीरिया का लेवल बेहद कम था लिहाजा और ज्यादा सबूतों की जरूरत है इस बात को साबित करने के लिए हैंड ड्रायर से बैक्टीरिया को पनपने की जगह मिल जाती है या फिर ड्रायर, टॉइलट की दूषित हवा को बड़ी मात्रा में हाथों पर फैलाता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि टॉइलट की हवा में शौच के तत्व और यूरिन की छोटी-छोटी बूंदें मौजूद हो सकती हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है
स्टडी के लीड ऑथर पीटर सेटलो ने कहा ‘टॉइलट की जितनी ज्यादा हवा फैलेगी, उतना ही ज्यादा बैक्टीरिया आपके हाथों पर शरीर के बाकी हिस्सों पर चिपकेगा और टॉइलट में कितने ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं यह बताने की जरूरत नहीं। ऐसे में अगर मैं ऐसा व्यक्ति जिसका इम्यून सिस्टम कमजोर है और मैं जल्दी बीमार पड़ जाता हूं तो मुझे बैक्टीरिया के प्रति अपना एक्सपोजर जितना हो सके उतना कम करना चाहिए। लिहाजा, मैंने हैंड ड्रायर्स का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है…Next
Read More :
इस देश में पचास लाख में बिक रहा है 1 किलो टमाटर, महामंदी के दौर से लोग हुए बेहाल
जीका वायरस की चपेट में राजस्थान, जानें क्या है जीका वायरस और कैसे फैलता है
वो नेता जो पहले भारत का बना वित्त मंत्री, फिर पाकिस्तान का पीएम
Read Comments