Menu
blogid : 316 postid : 1390028

आधार कार्ड की अनिवार्यता पर आज आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अमेरिका से इतना अलग है भारत का आधार

सुप्रीम कोर्ट में आधार की अनिवार्यता पर आज अहम फैसला आने वाला है। इस साल जनवरी से चल रही आधार मामले की सुनवाई पर शीर्ष अदालत ने 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। केंद्र सरकार समेत सभी याचिकाकर्ताओं की नजरें इस सुप्रीम फैसले पर लगी हैं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई में 5 जजों की बेंच फैसला सुनाएगी।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal26 Sep, 2018

 

 

 

आधार की अनिवार्यता खत्म करने पर क्या होगा असर
केंद्र सरकार कई जगहों पर आधार को अनिवार्य बना चुकी है। अगर फैसला खिलाफ आता है तो बड़ा असर होगा।सुप्रीम कोर्ट अगर बॉयोमिट्रिक डेटा जुटाने को गलत करार देता है तो यह प्रक्रिया रुक जाएगी। केंद्र सरकार के अनुसार अबतक देश में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों का आधार बन चुका है। सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अगर आधार की अनिवार्यता सुप्रीम कोर्ट खत्म कर देता है तो सरकार को अपनी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए अन्य रास्ता आख्तियार करना होगा। अगर सुप्रीम कोर्ट बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबर आदि के लिए आधार की अनिवार्यता को गलत बताता है तो कई आर्थिक और अन्य अपराध को रोकने के लिए केंद्र को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

 

 

 

अमेरिका से कैसे अलग है भारत का आधार कार्ड
आधार को सही ठहराने के लिए अमरीका के सोशल सिक्योरिटी नंबर (SSN) की दुहाई दी जाती है, लेकिन उसमें लोगों के बायोमैट्रिक्स नहीं लिए जाते हैं। अमरीकी व्यवस्था में SSN लोगों की इच्छा पर है, पर सरकार की तरफ़ से अनिवार्य नहीं है। अमरीका में SSN के लिए पहली दफ़ा 1935 में कानून बनाया गया था, जिसमें लोगों की प्राइवेसी के हितों की पूरी सुरक्षा की गई है। भारत में 2006 में शुरू आधार योजना के लिए 10 साल बाद 2016 में संसद ने मनी बिल के चोर दरवाजे से कानून बनाया, जिसकी संवैधानिकता पर अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला लंबित है।

 

 

जबकि दूसरी तरफ भारत में आधार को अनिवार्य बनाने के साथ इसके तहत लोगों की निजी सूचनाएँ और बायोमैट्रिक्स लिए जा रहे हैं। आधार के कानून, आईटी एक्ट और 2011 के सम्मिलित नियमों के तहत आधार डेटा को गोपनीय रखना जरूरी है पर यूआईडीएआई और सरकार इसकी कानूनी जवाबदेही लेने के लिए तैयार नहीं हैं।
सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग रोकने और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए आधार की योजना बनी थी, लेकिन इसे सभी क्षेत्रों में अनिवार्य बनाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। फिलहाल, आधार का क्या भविष्य होता है, ये तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साफ हो सकेगा…Next

 

Read More :

राजनीति के अखाड़े में इस साल उतरेंगे रजनीकांत! नई पार्टी की कर सकते हैं घोषणा

इन देशों में भी है आयुष्मान स्वास्थ्य योजना, जानें भारत से कितनी है अलग

20 मौतों में से एक की वजह शराब, WHO की 500 पन्नों की रिपोर्ट में सामने आई ये बातें

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh