हिंदू दर्शन और अध्यात्म के पुरोधा महापुरुषों में शुमार स्वामी विवेकानंद की दुनियाभर में हमेशा से ख्याति रही है। वह आज भी दुनियाभर के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने दुनिया को आधुनिक वेदांत और हिंदू दर्शन का महत्व समझाया। एक सभा में उनके विचारों से प्रभावित होकर जब उन्हें अमेरिकी महिला ने शादी के लिए प्रपोज किया तो उन्होंने उसे सही पाठ पढ़ाया। आज यानी 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन है। इस मौके पर जानते हैं उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलू।
बचपन में ही दिखाई अपनी प्रतिभा
भारत के महापुरुष विवेकानंद कोलकाता में 12 जनवरी 1968 को जन्मे थे। जन्म के साथ ही उनके माता पिता जान गए थे कि यह बालक साधारण नहीं। नरेंद्र नाथ के नाम से शुरुआती दिनों में प्रचलित रहे स्वामी विवेकानंद को सांसरिक सुखों से कभी लगाव नहीं रहा। वह सिर्फ ज्ञान अर्जन के लिए दुनियाभर की अलग अलग भाषाओं की किताबें पढ़ते रहते थे। बाल अवस्था में ही उन्हें दर्शन और अध्यात्म की जिज्ञासा होने लगी थी।
घर से मन उचटा तो आश्रम पहुंचे
घर में मन नहीं लगने पर वह स्वामी रामकृष्ण परमहंस से ज्ञान अर्जित करने उनके आश्रम चले गए और वहीं रहने लगे। इस दौरान उन्होंने वेद वेदांतों, उपनिषदों, दुनिया भर के तमाम दर्शन शास्त्रों, अध्यात्म और योग के बारे में गहनता से अध्ययन किया है। स्वामी रामकृष्ण परमहंस नरेंद्र नाथ की प्रतिभा को पहचान चुके थे। किशोरावस्था में पहुंचे नरेंद्र नाथ को सन्यासी विवेकानंद का उन्होंने ही दिया जो बाद में स्वामी विवेकानंद हुआ।
वेश्या को मुक्ति दी
किशोरावस्था से विवेकानंद देश के अलग शहरों में जाने लगे और लोगों को जीवन के असली उद्देश्य के प्रति सजग करने लगे। जब वह सन्यास के साथ ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे थे तब उनके ब्रह्मचर्य को तोड़ने के कई प्रयास किए गए। इसी प्रयास में जयपुर के महाराज की विनती पर उनके महल में ठहरे सन्यासी विवेकानंद के ब्रह्मचर्य को तोड़ने के लिए वेश्याओं को उनके कमरे में भेजा गया। लेकिन, सन्यासी विवेकानंद के विचारों से प्रभावित होकर वेश्याओं ने वेश्यालय छोड़ भक्ति का रास्ता चुन लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना का जिक्र स्वामी विवेकानंद ने अपनी डायरी में भी किया है।
अमेरिकी महिला ने विवाह का प्रस्ताव रखा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के शिकागो में आयोजित धर्मसभा में स्वामी विवेकानंद के भाषण से पूरी दुनिया के लोग प्रभावित हुए और स्वामी विवेकानंद की चर्चा होने लगी। स्वामी विवेकानंद की बढ़ती ख्याति के चलते उन्हें दुनियाभर के अलग अलग देशों में सम्मेलनों में आमंत्रित किया जाने लगा। न्यूयार्क में एक समारोह में स्वामी विवेकानंद के विचारों और उनके तेज से प्रभावित एक अमेरिकी महिला ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया।
सन्यास धर्म को बचाया और महिला को पाठ पढ़ाया
अमेरिकी महिला ने स्वामी विवेकानंद से कहा कि वह उससे विवाह कर लें ताकि वह उनके जैसे प्रतिभाशाली और ओजस्वी बच्चे की मां बन सके। अमेरिकी महिला के प्रस्ताव से सम्मेलन में मौजूद लोग आश्चर्यचकित हो गए। विवेकानंद ने महिला से विनम्र भाव में बात की और कहा कि वह सन्यासी हैं इसलिए उससे विवाह नहीं कर सकते हैं। वह महिला चाहे तो उन्हें ही अपना पुत्र स्वीकार कर ले। इससे उसका विवेकानंद जैसा बेटा पाने का सपना पूरा हो जाएगा और उनका सन्यास धर्म भी नहीं टूटेगा।
दुनियाभर में अपने विचारों से विख्यात हुए
स्वामी विवेकानंद ने 1897 में रामकृष्ण मठ की स्थापना की और रामकृष्ण मिशन में जुट गए। विवेकानंद ने अमेरिका के न्यूयार्क में वेदांता सोसाइटी का गठन भी किया। उनके अथाह ज्ञान के चलते उन्हें वेदांत का अद्वेता भी कहा गया। विवेकानंद ने राज योग, कर्म योग, भक्ति योग, जनना योग, माई मास्टर, लेक्चर्स फ्रॉम कोलंबो टू अल्मोड़ा जैसी कई प्रसिद्ध पुस्तकों को भी लिखा। बंगाल के बेलुर मठ में 4 जुलाई 1902 को स्वामी विवेकानंद का निधन हो गया।…NEXT
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