मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करना जरूरी होने के बाद ग्राहक और कंपनियां, दोनों ही इस काम में जुटे हैं। उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या होने के कारण आधार लिंकिंग के काम में समय लग रहा है। इसे देखते हुए टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां इस काम के लिए कई आसान तरीके लेकर आई हैं, ताकि आसानी से लोग अपने मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कर सकें। इससे मोबाइल सब्सक्राइबर्स के री-वेरिफिकेशन का काम जल्दी हो सकेगा। आइये आपको बताते हैं कि कौन सी कंपनी किस तरीके से मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कर रही है।
ग्रामीण इलाकों में स्पेशल कैंप
खबरों की मानें, तो एक बड़ी टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनी की ओर से स्पेशल कैंप लगाया जा रहा है, जिससे ग्रामीण इलाकों में मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करने का काम तेजी से पूरा किया जा सके। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि हम रूरल मार्केट में ऐसी पहल लंबे समय से कर रहे हैं। कंपनी के कस्टमर बेस में रूरल मार्केट की हिस्सेदारी 50 फीसदी है।
मोबाइल वैन और अस्थाई टेंट की व्यवस्था
उनके घर टीम भी भेजी जा रही है।
6 फरवरी है अंतिम तारीख
केंद्र सरकार की ओर से सभी टेलीकॉम कंपनियों को कहा गया है कि वे 6 फरवरी 2018 तक उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर को आधार नंबर से लिंक करें। मोबाइल कंपनियां यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIADI) से इसके लिए अधिक समय की मांग कर रही हैं, जिससे वे वन टाइम पासवर्ड (OTP) जैसे अल्टरनेट मॉडल्स आधार लिंकिंग के लिए ला सकें। उधर, UIADI ने ओटीपी आधारित वेरिफिकेशन सिस्टम के लिए 30 नवंबर की डेडलाइन रखी है।
COAI ने जताई असमर्थता
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने यूआईएडीआई और दूरसंचार विभाग को बताया है कि ओटीपी आधारित री-वेरिफिकेशन प्रॉसेस को 30 नवंबर तक तैयार करना संभव नहीं है। इसके लिए मौजूदा कस्टमर एक्विजिशन नॉर्म को बदलना होगा और सरकार से उसे अधिसूचित कराना होगा। सीओएआई का कहना है कि अभी तक यह काम नहीं हुआ है। कस्टमर एक्विजिशन नॉर्म में बदलाव के बाद कंपनियों को कम-से-कम 4-6 हफ्ते का समय जरूरी तकनीकी बदलाव के लिए चाहिए, तभी ओटीपी के जरिये री-वेरिफिकेशन हो पाएगा। बता दें कि यह संस्था कई टेलीकॉम कंपनियों के लिए लॉबिंग करती है…Next
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