आस्तिक-नास्तिक, धर्म-अधर्म, देशभक्त-देशद्रोह. देश में इन दिनों सोशल मीडिया पर इन्हीं मुद्दों पर सबसे ज्यादा बहस की जा रही है. अभी हाल ही में मथुरा में नास्तिकों का सम्मेलन हुआ था जिसमें आस्तिकों को उस पर कड़ी आपत्ति थी.
भारत में धर्म का मामला कोई नया नहीं है. साल 2012 में भी अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘ओह माई गॉड’ आई थी. जिसमें धर्म के नाम पर कारोबार करने वाले लोगों का सच दिखाया गया था, जिसके बाद फिल्म का कई जगह बहिष्कार भी किया गया. बहरहाल, फिल्म में एक सीन था जिसमें परेश रावल डिबेट शो में धार्मिक मान्यता मुंडन का सच बताते हैं कि कैसे बालों का कारोबार विदेशों में होता है.
धर्म के अग्रणी मंदिरों से सबसे ज़्यादा इकठ्ठा किया जाता है.
वर्जिन बालों की है सबसे ज्यादा डिमांड
भारत में बाल उतारना पवित्र प्रक्रिया मानी जाती है लेकिन ज्यादातर लड़कों के होते हैं. दक्षिण भारत के कई मंदिरों में हर साल ‘वर्जिन हेयर’ यानि ऐसे बालों की आहुति दी जाती है, जिन्हें न तो कभी शैम्पू किया गया है न ही ब्लो ड्राई, हेयर कलर भी नहीं किया गया और ज्यादातर बालों पर कैंची भी नहीं चली. इन मंदिरों में जो भी महिलाएं अपने बाल उतरवाती हैं, वो सभी इसे भगवान को अर्पण करती हैं. हालांकि, इस पवित्र रिचुअल ने एक हेयर एक्सटेंशन और विग के बिजनेस की नींव रखी है. जिससे विदेशों में बालों का ये कारोबार बहुत फल-फूल रहा है…Next
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