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किसी सेलिब्रिटी को ‘भगवान’ मान लेना आपको हिंसक बना सकता है! कहीं आप ‘नायक पुजारी’ तो नहीं?

किसी मशहूर व्यक्ति या सेलिब्रिटी को हद से ज्यादा इतना पसन्द करना कि उससे बिना मिले, जाने और पहचाने उसे अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा या अपना ‘नायक’ मान लेना। उसकी आलोचना या उसकी बुराई न सुन पाना, उसकी फोटो हर जगह लगाना और कभी-कभी तो उसे अपना प्यार, भगवान तक मान लेना, इसे कहते हैं ‘नायक पूजा’ यानि HERO WORSHIP।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal15 May, 2019

 

शाहरुख खान अभिनीत ‘फैन’ फिल्म का एक दृश्य

टीनएज में आम है ‘नायक पूजा’
आपने सोशलॉजी, होम साइंस, साइकोलॉजी में इसके बारे में पढ़ा होगा। स्कूल के दिनों में जब यह चैप्टर हमें पढ़ाया जा रहा था, तो क्लास में कई बच्चे किसी नायक,नायिका या क्रिकेटर के दीवाने थे। ज्यादातर के पास उनकी तरह-तरह की फोटो रहती थी। नायक पूजा यहां तक तो ठीक रहती थी लेकिन उस वक्त स्तरहीन हो जाती थी, जब किसी दो ग्रुप की लड़ाई होने पर एक-दूसरे के नायकों पर हमला किया जाता था। कभी ब्लैक बोर्ड पर बकवास बातें लिखी जाती, तो कभी उनकी फोटो जूतों के नीचे दबाई जाती थी। ऐसा करके सामने वाले को नीचा दिखाने की कोशिश की जाती। वहीं, कई ‘नायक पुजारी’ इससे दो कदम आगे होकर मौका मिलते ही दूसरे ग्रुप के बैग पर अपने नायकों का नाम लिख देते थे। आमतौर पर सभी को दूसरे के नायक-नायिकाओं के बारे में पता होता था क्योंकि सब प्रसार-प्रचार करते रहते थे। शुरुआत में इन बातों पर हंसी आती थी लेकिन सामने वालों की हरकतों से अपने दोस्तों का दिल दुखता देखकर बहुत गुस्सा आता था। उस चैप्टर में पढ़ा था कि Hero Worship की उम्र 19-20 तक ही रहती थी। टीनएज में इसका चस्का ज्यादा चढ़ता है।

 

 

नायकपूजा के खतरे
आज जब अपने आसपास की घटनाओं को देखेंगे तो पाएंगे कि नायक पूजा की कोई उम्र नहीं होती। अच्छे-खासे मैच्योर और पढ़े-लिखे लोग भी इस अवस्था से ऊपर नहीं उठ पाए हैं। जब आपकी नायक पूजा दूसरों को मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना देने लगे, तो समझ लेना चाहिए आप गलत दिशा में जा रहे हो। नायक पूजा का दायरा बहुत बड़ा है, इसमें हीरो-हीरोइन, क्रिकेटर, सिंगर, डांसर के अलावा नेता भी शामिल हैं।
वो अपने नायक से प्रेम दिखाने के लिए मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति के पीठ, हाथ पर अपने नेता का नाम गोंद देते हैं या सिर पर हेयर कटिंग के दौरान नाम लिख देते हैं, फिर सब मजाक उड़ाते हैं। वहीं, अमानवीयता की हद तब होती है, जब नायक के प्रति दीवानगी या समर्पण दिखाने किसी जानवर पर अत्याचार करते हैं।

 

 

नायक होने की भी है जिम्मेदारी
यहां यह बात समझने की जरूरत है कि जिस नायक के प्रति प्रेम दिखाने के लिए उन्हें ये सब करने की जरुरत पड़े! क्या वो नायक हो सकता है? अगर इनसे उसे खुशी मिलती है, तो वो नायक क्या इंसान भी नहीं हो सकता। इन सब चीजों को करने से क्या आपके नायक की इमेज खराब नहीं होती?
यह बात किसी व्यक्ति विशेष को पसन्द करने वाले लोगों पर नहीं बल्कि एक मानसिकता पर लागू होती है। नायक कोई भी हो सकता है लेकिन उसकी पूजा की क्या सीमाएं हो, ये बात हमें तय करनी है। कोई कितना ही बड़ा नायक क्यों न हो, लेकिन आपको उसके लिए अपना विवेक, मानवीयता, दया, साहस उदारता जैसे मानवीय गुणों को नहीं खोना है।
इन भावों को मन में रखने वाला हर व्यक्ति समाज का नायक है। ऐसे में यहां एक बात और भी है, अगर आप किसी के नायक है, तो आपकी भी एक जिम्मेदारी बनती है।…Next

 

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