‘क्या दुनिया में नामचीन म्यूजियमों में जाने के लिए महिलाओं को अपने कपड़े उतारने (न्यूड) पड़ेगें’. सुनने में ये सवाल थोड़ा अटपटा जरूर लग सकता है लेकिन ‘मॉर्डन आर्ट वर्ल्ड’ के हालात तो कुछ ऐसा ही इशारा करते हैं. क्योंकि मॉर्डन आर्ट वर्ल्ड में सिर्फ 5% महिलाएं कलाकार ही हैं जबकि यहां मौजूद 85% महिलाओं के न्यूड आर्ट के नमूने देखने को मिल जाएगे. सबसे पहले साहित्य और कला जगत में ऐसे ही दोहरे मापदंडों पर सवाल उठाया ‘गोरिल्ला गर्ल्स’ ने. अपने नाम की तरह ही इन सात बेनाम लड़कियों ने 1985 में ‘गोरिल्ला’ का मास्क पहनकर अपनी पहचान छुपा ली.
वो इन बदनाम गलियों में आते ही क्यों हैं?
1985 से इन्होंने अपनी ही तरह के एक अनोखे आंदोलन की शुरूआत की, जिसका मकसद महिलाओं को साहित्य, राजनीति और संगीत आदि के क्षेत्र में समानता दिलाने का था. कहा जाता है कि अमेरिका से शुरू हुए इस अनोखे आंदोलन की सबसे खास बात ये है कि इससे जुड़े हुए लोग कभी भी अपना चेहरा और अपनी पहचान किसी के सामने जाहिर नहीं करते. खुद ‘गोरिल्ला गर्ल्स’ भी हर जगह गोरिल्ला मास्क पहनकर जाती हैं.
गर्ल्स मुस्कुराते हुए कहती हैं ‘किसी भी बात को यदि सेंस ऑफ ह्यूमर के साथ कहा जाए, तो वो बात सभी को लंबे समय तक याद रहती है.
यूं ही नहीं अपनाया बार बालाओं ने जिस्मफरोशी का धंधा, क्या वो फिर लौट पांएगी?
ऐसा हम नहीं कहते बल्कि वैज्ञानिकों का मानना है.’ साथ ही बदलाव के बारे में इनका कहना है कि हमारी किताब ‘गोरिल्ला गर्ल्स: बेडसाइड कम्पेनियन टू द हिस्ट्री ऑफ वेस्टर्न आर्ट’ (The Guerrilla Girls’ Bedside Companion to the History of Western Art). आज अमेरिका समेत कई देशों में पढ़ाई जाती है. साथ ही हमारे व्यंग्य और मजाक के साथ लिखे गए बेहतरीन पोस्टर और बिल बॉर्ड को, उन म्यूजियमों में जगह दी गई है जो पहले हमारा विरोध करते थे. इससे बड़ी बात क्या होगी कि ये लोग भी समाज के दोहरे मापदंडों का विरोध करने लगे हैं.
गोरा रंग, लंबे खूबसूरत बाल और मेकअप से चमचमाते चेहरे, जहां समाज ने स्त्री की खूबसूरती का पैमाना बनाया हुआ है, वहां इन ‘गोरिल्ला गर्ल्स’ ने अपने चेहरे को गोरिल्ला मास्क से ढककर ये संदेश दिया है कि इंसान ही नहीं, बल्कि जंगली जानवर भी अपने आप में ही खूबसूरत है. जिनकी असल खूबसूरती को देखने के लिए आपको बस एक खूबसूरत नजरिया चाहिए. उल्लेखनीय है कि अब तक करीब 50-60 महिलाएं इस गैंग का हिस्सा बन चुकी हैं, वहीं ऐसे पुरुषों की भी कमी नहीं है जो इन ‘गोरिल्ला गर्ल्स’ से जुड़ना चाहते हैं. लेकिन फिलहाल इस गैंग में महिलाओं को ही शामिल किया गया है…Next
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नींद के सौदागर करते हैं 30 रुपए और एक कम्बल में इनकी एक रात का सौदा
जमीन पर ही नहीं आसमान में भी लड़ते हैं महिला-पुरुष
क्या एक बार इन्हें गले से नहीं लगाना चाहेगें आप?
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