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1978 में आई थी यमुना में बाढ़, दिल्ली को बाढ़ से बचाने वाले ये हैं 10 बांध

दिल्ली में 1-2 दिन की बारिश ने ही राजधानी को पानी-पानी कर दिया। कहीं सड़क किसी तालाब जैसी दिखी, तो कहीं लोगों को बारिश के डर से घर खाली करके जाना पड़ा। ऐसे में कहा जाने लगा कि यमुना में जलस्तर बढ़ने की वजह से दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। फिलहाल तो ऐसा होना मुश्किल है, लेकिन अगर यमुना का जलस्तर बढ़ता भी है, तो दिल्ली को सुरक्षित करने के लिए यहां 10 बांध (डैम) हैं।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal30 Jul, 2018

 

1978 में आई थी दिल्ली में बाढ़
यमुना में और दिल्ली के कुछ इलाकों में 1978 में बाढ़ आई थी जब यमुना का लेवल 207.49 मीटर तक पहुंच गया था। इसके बाद से यमुना का वॉटर लेवल इससे ज्यादा नहीं गया। 22 सितंबर 2010 को यमुना का लेवल जरूर 207.18 मीटर तक गया था, वह भी 1978 की बाढ़ से कम था। यमुना पल्ला से दिल्ली में एंट्री करती है। शनिवार को यमुना का लेवल खतरे के निशान से बढ़कर 205.20 मीटर पर पहुंच गया। यमुना में वॉटर लेवल 208 मीटर के आसपास होगा तब ही शहर के लिए खतरे की स्थिति बन पाएगी।
ये हैं दिल्ली के 10 बांध

पल्ला से वजीराबाद का पुश्ता
इस पुश्ते के कारण वजीराबाद तक बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। इसकी लंबाई-18.36 किलोमीटर, ऊंचाई-216.2 मीटर है

लेफ्ट फारवर्ड पुश्ता
यह पुश्ता यमुना नदी की बाईं ओर बनाया गया है। सोनिया विहार और यूपी के कुछ इलाकों को बाढ़ से बचाने में यह पुश्ता मददगार साबित होता है। इसकी लंबाई- 5,75 किमी, ऊंचाई-211,80 मीटर है।

 एस एम बांध
इस बांध की लंबाई 11.9 किमी, ऊंचाई – 209 मीटर

जगतपुर बांध
इस बांध की लंबाई – 4.388 किमी, ऊंचाई – 211 मीटर

यमुना बाजार बांध
इस बांध की लंबाई – 600 मीटर, ऊंचाई-209।12 मीटर

यमुना बाजार मार्जिनल
इस बांध की लंबाई 1.1 किमी, ऊंचाई-208.50 मीटर

मुगल बांध
इस बांध की लंबाई 2.7 किमी, ऊंचाई-208.45 मीटर

पावर हाउस बांध
इस बांध की लंबाई 2.3 किमी, ऊंचाई-207.14 मीटर

लेफ्ट मार्जिनल बांध
इस बांध की लंबाई 6.7 किमी, ऊंचाई-208.44 किमी है।

मदनपुर खादर बांध
इस बांध की लंबाई-3.5 किमी, ऊंचाई-203.8 मीटर है।

 

 

यमुना के बैराज
बाढ़ का पानी निकालने के लिए यमुना में 3 बैराज बनाए गए हैं। पहला बैराज वजीराबाद बैराज, दूसरा बैराज आईटीओ पर है, जबकि तीसरा बैराज ओखला में है। बाढ़ का पानी ज्यादा आने पर इन बैराजों के जरिए पानी यूपी की ओर चला जाता है। बाढ़ के पानी को इन बैराजों से निकालकर राजधानी को बाढ़ के खतरे से बचाया जाता है….Next

 

 

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