दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिवाली के बाद से ही प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। ऐसे में प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। जैसे, दिल्ली और आसपास के स्कूलों में प्रदूषण को देखते हुए आउटडोर एक्टिविटी बंद कर दी गई है।
वहीं, पेट्रोल-डीजल गाड़ियों को बैन करने के बारे में भी सोचा जा रहा है। प्रदूषण से सेहत को कितना खतरा है, इसके बारे में तो हम सभी जानते हैं लेकिन इससे कुछ सालों में ऐसी बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही हैं, जिनसे आने वाले समय में कई लोगों को खतरा हो सकता है। ऐसी ही बीमारी है फेफड़ों का कैंसर, जो कई सालों से अपने पैर तेजी से पसार रहा है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा पुरूष प्रभावित हो रहे हैं।
भारत में कैंसर के ईलाज को और भी प्रभावशाली बनाने के लिए मुहिम
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च (NICPR) के कुछ डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने ‘इंडिया अगेंस्ट कैंसर’ से एक अनोखी पहल शुरू की है।
उनकी बेवसाइट, इंडिया अगेंस्ट कैंसर के मुताबिक पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में फेफड़ों के कैंसर की संभावना कम होती है।
विदेश के मुकाबले भारत में अभी इतनी उच्च तकनीक नहीं आ पाई है, जिससे कैंसर का सौ प्रतिशत ईलाज हो सके। तभी अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे हो या क्रिकेटर युवराज सिंह, कैंसर के इलाज के लिए कोई भी बड़ा नाम देश में इलाज नहीं कराता, सभी विदेश के बड़े हॉस्पिटल से ईलाज कराते हैं।
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार को विदेश में ईलाज कराने की दी थी सलाह
बेंगलुरु के शंकरा अस्पताल के डॉक्टर श्रीनाथ कहते हैं, “अनंत कुमार को अमरीका जाकर इलाज कराने की सलाह हमने ही दी थी। दरअसल, अमरीका ने कैंसर के इलाज से जुड़े कुछ नए ड्रग्स इजाद किए हैं जो भारत में उपलब्ध नहीं हैं। अमरीका में लंग कैंसर के इलाज में कारगर ड्रग्स पर शोध एडवांस स्टेज में हैं। इसलिए हमने उन्हें वहां जाने की सलाह दी थी।” वो कहते हैं, “भारत में फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए मौजूद ड्रग्स का अनंत कुमार पर कोई असर नहीं हुआ। कैंसर और उससे जुड़े शोध पर भारत में बहुत कमी है। अपने देश में केवल कुछ स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट ही हम दे सकते हैं।
पुरूषों में फेफड़ों का कैंसर फैलने के कारण
फेफड़ों का कैंसर ज्यादातर लोगों को तंबाकू का सेवन, सिगरेट पीने और प्रदूषण की वजह से होता है। सिगरेट या तंबाकू की लत अगर आपको है, तो उसे तुंरत छोड़ दें। अगर आप पैसिव स्मोकर भी हैं तो उन जगहों पर मौजूद रहने से पहरेज करें, जहां आपके दोस्त, सगे संबंधी सिगरेट पीते हों। उन जगहों पर काम करने से थोड़ा परहेज करें जहां प्रदूषण फैलाने वाले गैसों का खतरा ज्यादा है…Next
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