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सिगरेट की लत से छुटकारे के लिए ट्राई कर चुके हैं हर ट्रिक, तो एक बार इस स्टडी के नतीजों पर गौर करके देखें

‘हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया’ आपने देव आनंद का ये सदाबहार गाना सुना होगा। हर फिक्र को धुएं में उड़ाना अच्छी बात है लेकिन फिक्र को धुएं के साथ यानी धूम्रपान के साथ उड़ाना आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं है। सिगरेट पीने वालों के लिए सिगरेट पीने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं लेकिन कारण जो भी हो, सिगरेट सभी को नुकसान ही पहुंचाती है। ये बात तो सभी जानते हैं। चलिए, तो आपको एक नई बात बताते हैं, जिससे स्मोकिंग से मुक्ति पाने की चाह रखने वाले लोगों को फायदा हो सकता है।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal16 Jan, 2019

 

 

अपनी मर्जी से लें निकोटिन की मात्रा
एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग स्मोकिंग छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, अगर उन्हें खुद निकोटिन इनटेक पर नजर रखने के लिए कहा जाए तो वे अपनी इस आदत को छोड़ने में कामयाब हो सकते हैं। यह स्टडी ‘क्वीन्स मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन’ के शोधकर्ताओं ने की है जिसे जर्नल एडिक्शन में प्रकाशित किया गया है। इस स्टडी में कहा गया कि निकोटिन की डोज तय करने का फैसला स्मोकर्स पर ही छोड़ देना चाहिए।
स्टडी के लेखक और क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के दुंजा प्रजूली ने बताया, जब लोग धूम्रपान करते हैं तो वे निकोटिन इनटेक का फैसला खुद करते हैं जबकि जब वे छोड़ने की कोशिश कर रहे होते हैं तो ट्रीटमेंट के हिसाब से उनकी निकोटिन की डोज तय कर दी जाती है। यह पैमाना कुछ लोगों के लिए बहुत कम हो सकता है और वे वापस स्मोकिंग की आदत पकड़ सकते हैं।

 

 

 

ऐसे मिलेगा फायदा
मेडिसिनल निकोटिन प्रोडक्ट की कम मात्रा की वजह से ट्रीटमेंट में बहुत कम सफलता मिलती है। अब इसमें सुधार की जरूरत है।
स्टडी के लेखक ने कहा, हमारी स्टडी यह बताती है कि स्मोकिंग छोड़ने की कोशिश कर रहे लोगों को यह छूट देनी चाहिए कि वे कितनी निकोटिन डोज ले सकते हैं। लोग अपनी जरूरत के हिसाब से धीरे-धीरे निकोटिन की डोज कम कर सकते हैं…Next 

 

 

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