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इस प्रेमी जोड़े के पीछे पड़ा पूरा गांव, लड़की से करवाना चाहता है वेश्यावृत्ति

वो दोनों एक साल से एक-दूसरे से प्यार करते थे. सुख से जीने के लिए वो शादी करने वाले थे, लेकिन पूरा गांव उनका दुश्मन बनकर घूम रहा था. कोई नहीं चाहता था कि उनकी शादी हो. बात कोई धर्म, जाति या आपसी रंजिश की नहीं बल्कि वजह कुछ ऐसी थी, जिसे सुनकर कोई भी हैरान रह जाएगा. दरअसल, गुजरात का वाडिया गांव साराणिया जाति का बसाया हुआ है. इस गांव में लगभग हर लड़की को 13 साल की उम्र से ही वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेल दी जाती है.


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आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में साल 2012 में पहली शादी हुई थी. गांववाले उस शादी के भी खिलाफ थे. तब एक एनजीओ के दखल की वजह से यहां शादी हुई थी. असल में गांववालों को इस शादी से इसलिए एतराज है कि उन्हें लगता है कि अगर लड़कियां अपनी मर्जी से शादी करने लगी, तो यहां फलता-फूलता वेश्यावृत्ति का धंधा बंद होने की कगार पर आ जाएगा. इस वजह से यहां के गांववाले इस प्रेम विवाह के खिलाफ है. साथ ही गांववालों को लगता है कि अगर इन दोनों की शादी सफल हो गई, तो बाकी लड़कियां भी अपना घर बसाने का सपना देखने लगेगी.


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प्रतीकात्मक चित्र

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25 साल के रुपेश चौधरी (बदला नाम) और पूजा चौहान (बदला नाम) एक साथ रहने के लिए दरबदर की ठोकरें खाते फिर रहे हैं. पूजा का कहना है ‘जिस दिन मेरी शादी हुई, वो दिन मेरे लिए किसी सपने के पूरा होने जैसा था. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मैं भी किसी आम लड़की की तरह खुलकर जी पाऊंगी. रुपेश ने मुझे काफी सहारा दिया.’ वहीं रुपेश का कहना है कि मैं पूजा से 1 साल पहले मिला था. अपने प्यार का यकीन दिलाने में मुझे 6 महीने का समय लग गया. मैंने पूजा के माता-पिता को भी मना लिया था, लेकिन लोगों की बातों में आकर उनका मन बदल गया और उन्होंने इस रिश्ते को मना कर दिया.’



couple hand

रुपेश आगे बताते हैं कि ‘मैं जानता था कि मैं सही हूं इसलिए मैंने हार नहीं मानी. अब हम दोनों साथ है. हमें मजबूरन यहां से भागना पड़ रहा है. हमें पुलिस सुरक्षा की जरूरत है.’ दूसरी तरफ बनासकांठा के एसपी नीरज बड़गुजर का कहना है कि ‘हमें अभी तक सुरक्षा मुहैया करवाने के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है, अगर ऐसी कोई याचिका हमारे सामने आती है तो हम जरूर कदम उठाएंगे.’

जहां देश भर में महिला सशक्तिकरण की बात होती है, वहां एक गांव में लड़कियों को वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेला जाना बेहद शर्मनाक है…Next


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