बेटियां घर का भावनात्मक हिस्सा होती हैं। उनके घर में होने से ही लगता है कि घर खिलखिला रहा है। कई बेटियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में बड़ा मुकाम हासिल कर देश को संदेश दिया कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। मगर अभी भी देश में बेटियों को वो स्थान नहीं मिला पाया है, जिसकी वे हकदार हैं। खासकर पिछड़े क्षेत्रों में अभी भी बेटियों को बेटों से पीछे माना जाता है और उनसे कम सम्मान दिया जाता है। मगर इसी बीच एक साथ तीन बेटियों के माता-पिता बने एक मुस्लिम दंपति ने कुछ ऐसा कहा है, जिसे जानकर आपको भी गर्व महसूस होगा।
पहले से है एक बेटी
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में थाना बड़गांव के गांव नूनाबड़ी निवासी आरिफ और उसकी पत्नी इमराना की शादी कई साल पहले हुई थी। शादी के बाद इमराना ने एक बेटे को जन्म दिया। इसके करीब डेढ़ साल बाद इमराना फिर से गर्भवती हुई और उसने इस बार भी एक लड़के को जन्म दिया। तीसरी बार गर्भवती होने पर इमराना ने एक बेटी को जन्म दिया। मगर चौथी बार गर्भवती होने पर इमराना को महसूस हुआ कि उसका पेट जरूरत से ज्यादा ही बढ़ रहा है। डाक्टरों को दिखाया, तो सब कुछ नॉर्मल बताया गया।.
6 सितंबर को एक साथ पैदा हुईं तीन लड़कियां
6 सितंबर की सुबह इमराना को प्रसव पीड़ा हुई, तो उसे देवबंद के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल की डाॅक्टर और नर्स इसे नॉर्मल डिलीवरी समझ रहे थे। एक बच्ची का जन्म होने के बाद उसे लेबर रूम से बाहर भी नहीं लाया गया था कि इमराना को फिर से प्रसव पीड़ा होने लगी। इस पर उसके गर्भ की जांच की गई, तो पता चला कि गर्भ में अभी भ्रूण बाकी है। दोबारा डिलीवरी हुई, तो इमराना ने दो अन्य बेटियों को जन्म दिया। इस प्रकार इमराना ने एक साथ तीन बेटियों को जन्म दिया। इस पर इमराना के पति आरिफ का कहना है कि उसे और उसकी पत्नी को एक साथ तीन बेटियों के माता-पिता बनने पर गर्व है।
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