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दुनिया के 10 विनाशकारी भूकंप, जिन्‍होंने जमकर मचाई तबाही

भारत समेत पाकिस्तान, कजाकिस्तान और अफगानिस्तान में बुधवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे पाकिस्तान में एक शख्स की मौत होने की भी खबर है। भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में महसूस किए गए। दोपहर 12:35 बजे आए भूकंप के झटके कई जगह लोगों ने पांच मिनट तक महसूस किए। हालांकि, भारत में इससे किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। मगर इससे पहले दुनिया में कई बार ऐसे भूंकप आए, जिनसे जमकर तबाही हुई। आइये आपको बताते हैं दुनिया के उन 10 विनाशकारी भूकंप के बारे में, जिन्‍होंने खूब तबाही मचाई।


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25 अप्रैल 2015: नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर 8.1 मापी गई। 8000 से अधिक लोगों की जान चली गई और 2000 से अधिक लोग घायल हुए। यहां आए भूकंप के झटके भारत, चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान तक में महसूस किए गए।


11 अप्रैल 2012: सुमात्रा, इंडोनेशिया में आए भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर 8.6 मापी गई। यहां राहत की बात यह रही कि भूकंप का केंद्र जमीन से काफी नीचे होने के कारण बड़ी तबाही नहीं हुई।


11 मार्च 2011: जापान में आए भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर 9 मापी गई। सुनामी की लहरों में तीन लाख से ज्यादा इमारतें बह गईं। 4000 से ज्यादा सड़कें पूरी तरह तहस-नहस हो गईं। इस तबाही में करीब 16 हजार लोगों की जान चली गई थी।


27 फरवरी 2010: बायो-बायो, चिली में जबरदस्‍त भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्‍टर 8.8 मापी गई। इस भूकंप ने चिली की 80 फीसदी आबादी को प्रभावित किया था। यहां आए भूकंप के झटके चिली के आसपास के सभी देशों में महसूस किए गए।


12 जनवरी 2010: हैती में भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर 7 मापी गई, जिसमें सबसे ज्यादा तबाही राजधानी पोर्ट ओ प्रिंस में मची। भूकंप के बाद 52 आफ्टर शॉक्स महसूस किए गए। इसमें एक लाख से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।


Pakistan earthquake


8 अक्टूबर 2005: पाकिस्तान के क्वेटा में आए भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर 7.6 रही। इस तबाही में 75 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और करीब 80 हजार लोग घायल हुए। लगभग 2 लाख 80 हजार लोग बेघर हो गए थे।


26 दिसंबर 2004: दक्षिण भारत में इस दिन जबरदस्‍त भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्‍टर 9.2 मापी गई। समुद्र ने भारत के कई शहरों में तबाही मचाई। इस सुनामी में हजारों लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई।


26 जनवरी 2001: गुजरात के भुज में आए भूकंप ने पूरे शहर को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया। इसकी तीव्रता रिक्‍टर 7.7 मापी गई थी। इससे कच्छ और भुज में 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और डेढ़ लाख से ज्यादा लोग घायल हुए। करीब 4 लाख मकान ढह गए थे।


27 मार्च 1964: इस दिन अलास्का, अमेरिका में आए भूकंप के झटके 4 मिनट 38 सेकंड तक रहे। भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर 9.2 मापी गई थी। इसमें अलास्का में भारी तबाही हुई।


22 मई 1960: वाल्डिविया, चिली में भूकंप ने चिली समेत हवाई, जापान, फिलीपींस, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया तक में तबाही मचाई। इसकी तीव्रता रिक्‍टर 9.5 नापी गई थी। सुनामी की लहरों ने सबसे ज्यादा नुकसान चिली के वाल्डिविया शहर को पहुंचाया…Next


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