हम में से बहुत से लोगों की आदत होती है कि वो खाते समय टीवी देखते हैं या मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, उनके साथ बैठे बच्चे भी यही फॉलो करने लगते हैं। लेकिन हाल ही में स्टडी में सामने आया है कि बच्चों के लिए ऐसा करना बहुत खतरनाक हो सकता है। बच्चों का लगातार टीवी देखना या मोबाइल पर खेलना उनके दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है। नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा फंडेड करीब 300 मिलियन डॉलर यानी 21 अरब रुपये की मदद से हो रही एक स्टडी में यह बात सामने आई है।
11000 बच्चों पर की गई स्टडी
जानकारी के मुताबिक, इस स्टडी के अंतर्गत वैज्ञानिक 9 से 10 साल के करीब 11,000 बच्चों पर दस साल तक स्टडी कर यह जानने की कोशिश करेंगे कि बचपन के अनुभव बच्चों के इमोशनल और मेंटल हेल्थ पर कैसे असर डालते हैं। इस स्टडी से जुड़े शुरुआती डेटा में यह सामने आया है कि टेक स्क्रीन्स यंग जेनरेशन में बदलाव ला रही है और यह बदलाव अच्छा नहीं है।
स्टडी में सामने आया ये नतीजा
4,500 बच्चों के ब्रेन स्कैन्स में यह देखा गया कि सात घंटों से ज्यादा टीवी, मोबाइल आदी जैसे टेक स्क्रीन्स पर देखते रहने की वजह से उनकी ब्रेन कॉर्टेक्स पतली होने लगी है। ब्रेन की यह बाहरी लेयर फिजिकल वर्ल्ड से जुड़ी जानकारी को प्रोसेस करने में मदद करती है।
2019 में होगा डाटा रिलीज
सीबीएस नेटवर्क के जरिए उपलब्ध करवाई गई जानकारी के अनुसार एक समय तक ब्रेन के इन बदलावों को फॉलो किए बगैर जो नतीजे हमारे सामने आए हैं उसके पीछे की सही वजह सामने नहीं आ सकती है। ऐडलेसंट ब्रेन कॉग्निटिव डिवेलपमेंट (ABCD) नाम की एक शुरुआती स्टडी के अनुसार वह बच्चे जो रोजाना टेक स्क्रीन के करीब दो घंटे तक संपर्क में रहते हैं उन्होंने विचार और भाषा संबंधी टेस्ट में दूसरे बच्चों के मुकाबले कम स्कोर किया। माना जा रहा है कि स्टडी से जुड़ा मुख्य डेटा साल 2019 के शुरुआती महीनों में रिलीज किया जाएगा…Next
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