कोरोना महामारी से जूझ रही दुनिया के सामने इस वायरस से बचने का तरीका वैक्सीन के रूप में नजर आ रहा है। यही वजह है कि कई मुल्क वैक्सीन बनाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देशों शामिल दो देशों ने वैक्सीन बनाने के लिए हाथ मिला लिया है।
दुनियाभर में 1 करोड़ के करीब कोरोना संक्रमित
जॉनहॉपकिंस यूनीवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में कोरोना पॉजिटिव संक्रमितों की संख्या 9,949,767 लाख के पार पहुंच गई है। जबकि, दुनियाभर के 501,585 लाख लोग इस महामारी की चपेट में आकर मौत के मुंह में समा चुके हैं। सबसे ज्यादा कोरोना पीड़ित देशों में अमेरिका, ब्राजील, रूस, भारत और ब्रिटेन हैं।
टॉप 5 देशों में ब्राजील के साथ भारत भी
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक टॉप कोरोना प्रभावित देशों में शामिल ब्राजील और ब्रिटेन ने कोरोना वैक्सीन को लेकर हाथ मिलाया है। दरअसल, ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से बनाई जा रही कोरोना वैक्सीन को ब्राजील भी अपने यहां बनाएगा। इसके लिए ब्राजील ने ब्रिटेन से तकनीक और प्रकिया हासिल करने के लिए करार किया है।
फानइल स्टेज पर पहुंचने वाली पहली वैक्सीन
ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका कोरोना वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 को बना रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक यह पहली वैक्सीन है जो क्लीनिकल ट्रायल के फाइनल स्टेज पर पहुंच चुकी है। अगर अंतिम ट्रायल पूरा होने में अभी कुछ महीने का समय और लगने वाला है। ट्रायल सक्सेफुल होने पर वैक्सीन को साल के अंत तक बाजार में उतारने की संभावना है।
300 लोगों को ठीक करने का दावा
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन से अब तक यूके में 300 लोगों को ठीक करने का दावा किया जा चुका है। वैक्सीन के सकारात्मक रिजल्ट के बाद ब्राजील ने भी बनाने का फैसला किया है। ब्राजील स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव अर्नाल्डो कोर्रेया डी मेडेइरोस ने बताया कि ओसवाल्डो क्रूज़ फाउंडेशन विदेशी तकनीक का उपयोग करके देश में ही वैक्सीन बनाएगा।
ब्रिटेन वैक्सीन की तकनीक ब्राजील को देगा
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने बताया कि ब्राजील में वैक्सीन के 1 करोड़ डोज बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ब्राजील में प्रयोगशाला और ब्रिटिश दूतावास ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। वैक्सीन से जुड़े सभी तकनीक और प्रकियाओं को ब्रिटेन हमसे साझा करेगा। बता दें कि ब्रिटेन सरकार कोरोना महामारी को रोकने के लिए ढीले रवैये के चलते जनता के निशाने पर है। ऐसे में इस करार से ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो को थोड़ी राहत मिल सकती है।
भारतीय चिकित्सा विज्ञानी ढूंढ रहे इलाज
भारत में कोरोना वैक्सीन विकसित करने के लिए चिकित्सा विज्ञानी जुटे हुए हैं। गिलिएड साइंस की कोरोना रेमेडिसिवियर पर भी काम चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कई नामी दवा कंपनियां कोरोना का इलाज विकसित करने में जुटी हुई हैं। पिछले दिन पतंजलि आयुर्वेद ने भी कोरोना की दवा लांच की थी, लेकिन आयुष मंत्रालय ने कई कारणों की वजह से अभी उस पर रोक लगा दी है।..NEXT
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