हमारे भारत में एक बड़ी पुरानी कहावत है ‘आम के आम, गुठलियों के दाम’. मतलब किसी चीज का जितनी तरह से फायदा मिल सके उसे ले लो. आपको हैरानी होगी अगर कोई कहे कि सोशल सर्विस आज सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमाने का साधन है. फिर शायद आप खुद ही लॉजिक लगा लें कि सोशल सर्विस के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाकर पैसा कमाते हैं लोग, इन पर भरोसा नहीं करना चाहिए आदि, आदि. हां, यह तो है लेकिन एक सबसे बड़ी बात है जिसकी बात हम कर रहे हैं वह यह है कि आजकल बड़ी-बड़ी प्राइवेट कंपनियों का प्रॉफिट मेकिंग फंडा सोशल सर्विस है जिसे हम कह सकते हैं ‘आम के आम गुठलियों के दाम’.
अगर आप सोचते हैं कि सोशल एक्टिविटीज एक स्वार्थ-रहित आदमी ही कर सकता है तो गलत सोचते हैं. आजकल प्राइवेट कंपनीज के लिए सोशल एक्टिविटीज प्रमोशन का पॉपुलर तरीका बन गया है. टाइड, सर्फ एक्सेल जैसी कंपनियों के विज्ञापन आपने देखे होंगे जिसके अनुसार आपकी हर खरीद पर एक रुपया या कुछ ऐसा ही वे सामाजिक संस्थाओं को देते हैं. अगर देखा जाए वे एक बड़ा ही नेक काम कर रहे हैं कि अपने प्रॉफिट का थोड़ा हिस्सा समाज की भलाई में लगाते हुए इससे जुड़कर आपको भी पुण्य कमाने का मौका दे रहे हैं. पर अचानक ‘प्रॉफिट मेकिंग मैक्सिमाइजेशन’ से हटकर प्राइवेट कम्पनियां इतनी नि:स्वार्थ भावना के साथ थोड़ा सा प्रॉफिट अपनी मर्जी से लॉस कर देने के लिए क्यों आतुर हुई जा रही हैं?
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इस सबमें अपना ब्रांड प्रमोशन करते हुए भविष्य में प्रॉफिट बढ़ाना उनका मुख्य उद्येश्य होता है. प्रॉक्टर एंड गैम्बल, हिन्दुस्तान लीवर और पेप्सी, कोक जैसी कंपनियों के क्राइसिस मैनेजमेंट के रूप में सामाजिक भलाई के काम में जुटने तक तो ठीक था लेकिन अगर एक पोर्न फिल्म मेकिंग कंपनी समाज की भलाई के लिए ऐसे प्रमोशनल हथकंडे अपनाए तो इसे क्या कहा जाए आप खुद तय कीजिए.
प्रॉक्टर एंड गैम्बल अगर कहता है कि उसका प्रोडक्ट खरीद कर अपनी हर खरीद पर एक रुपया किसी गरीब की पढाई के लिए देने में कंपनी की मदद के साथ समाज की भलाई में भी आप अपना सहयोग कीजिए तो आप इसके पक्ष-विपक्ष में तमाम बातें कहते हुए भी एक बार को ऐसा कर लेते हैं पर अगर एक पोर्न कंपनी बोले कि उसकी पोर्न वीडियो देखकर पर्यावरण की रक्षा में सहयोग कीजिए तो बात किसी के गले नहीं उतरती.
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2 मई की आधी रात तक एक निर्धारित कैटगरी में यूजर अनलिमिटेड पोर्न वीडियो देख सकते हैं. उसके बाद पोर्नहब ट्री-प्लांटिंग एजेंसी से एग्रीमेंट कर पेड़ लगाने का अभियान शुरू करेगा. एक ऑनलाइन साइट को दिए इंटरव्यू में पोर्न वीडियो बनाने वाली पोर्नहब कंपनी के कम्यूनिकेशन रिप्रजेंटैटिव माइक विलियम के अनुसार ‘बिग डिक’ कैटगरी में हर 100 पोर्न विडियो देखने पर एक पेड़ लगाया जाएगा. कैम्पेन का नाम दिया गया है ‘पोर्नहब अमेरिका को लकड़ियां देता है’. इनके अनुसार कंपनी का मकसद इस तरह अपने ब्रांड को प्रमोट कर अपनी कम्यूनिटी को फायदा पहुंचाना है और इससे पहले भी 2012 में उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस माह में हर क्लिक पर आधारित फंड को ब्रेस्ट कैंसर के लिए डोनेट किया था. वेबसाइट के अनुसार इस बार के कैम्पेन में 11000 से ज्यादा पेड़ लगाने का टार्गेट रखा गया है.
विलियम के अनुसार कैम्पेन के लिए पोर्नहब बाकायदा एक ट्री-प्लांटिंग एजेंसी हायर करने वाली है. हालांकि यह अभी तक तय नहीं है कि वह कम्पनी कौन सी होगी. पर हाँ, किस तरह के पेड़ लगाए जाएंगे यह जरूर ट्री-प्लांटिंग कंपनी की च्वाइस पर निर्भर करता है. एक तरफ जहां पोर्न वीडियो को इंटरनेट पर बैन किए जाने की बात हो रही है, कंपनी का प्रमोशनल तरीका काबिलेतारीफ है लेकिन इससे ‘सोशल सर्विस’ शब्द जुड़ना हास्यास्पद नहीं तो और क्या है! आप खुद तय कीजिए!
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