भारत में कोरोना मरीजों के इलाज में खास विधि का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस विधि से मरीजों को मरने से बचाने में काफी हद तक कामयाबी हासिल हुई और उन्हें बाद में बड़ी संख्या में मरीज रिकवर भी हुए हैं। इस विधि के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए अमेरिका ने भी अपने मरीजों पर इस विधि के इस्तेमाल की मंजूरी दी है।
प्लाज्मा थैरेपी से मिल रही मदद
दुनियाभर के लिए मुसीबत बन चुके कोरोना वायरस को पूरी तरह खत्म करने की यूं तो कोई भी दवा अब तक ईजाद नहीं की जा सकी है। लेकिन, कुछ चिकित्सा विधियों और दवाओं के इस्तेमाल से मरीज के इम्यून सिस्टम को मजबूत कर उन्हें मरने से बचाने में काफी हद तक मदद जरूरी मिली है। भारत में प्लाज्मा थैरिपी के जरिए मरीजों को बचाने में सहायता मिली है।
अमेरिका ने दी प्लाज्मा थैरेपी को मंजूरी
भारत में प्लाज्मा थैरेपी के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमितों को बचाने में मदद मिली है। अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के फूड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने प्लाज्मा थैरेपी का इस्तेमाल अपने कोरोना मरीजों पर करने की मंजूरी दे दी है। रिसर्च के दौरान पाया गया कि प्लाज्मा थैरेपी से मरने वालों की संख्या में कमी आई है और संक्रमितों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।
भारत जून से हो रहा प्लाज्मा थैरेपी का इस्तेमाल
भारत में कोरोना मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी के इस्तेमाल जून माह के अंत से हो रहा है। यही वजह कि भारत दुनिया में सबसे तेज रिकवरी करने वाला देश बन चुका है। भारत की रिकवरी दर 75 फीसदी पहुंच चुकी है। दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने प्लाज्मा की कमी नहीं होने के लिए पहले से ही बैंक बना लिए हैं।
क्या है प्लाज्मा थैरेपी और कैसे करती है ये काम
प्लाज्मा थैरेपी की प्रक्रिया में रक्त कोशिकाओं से प्लाज्मा को अलग किया जाता है। प्लाज्मा में इतनी ताकत होती है कि यह किसी भी बीमार व्यक्ति को स्वस्थ करने में कारगर है। आमतौर पर यह थैरेपी सबसे ज्यादा खिलाड़ियों के चोटिल होने पर इस्तेमाल होती है। या फिर किसी अंग के ट्रांसप्लांट के बाद रिकवरी में हो रही देरी पर भी प्लाज्मा थैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।
प्लाज्मा से स्ट्रांग होता है इम्यून सिस्टम
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान आईसीएमआर ने जून में किए अपने शोध में पाया था कि प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना मरीजों को ठीक करने में मदद मिल सकती है। चिकित्सा विज्ञानियों के अनुसार कोरोना वायरस सबसे पहले लोगों के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है और शरीर को कमजोर करने के बाद श्वसन तंत्र पर हावी हो जाता है। प्लाज्मा थैरेपी इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग करने में मदद करती है।
कैसे और किससे मिलेगा प्लाज्मा
प्लाज्मा उन्हीं लोगों के शरीर से लिया जा सकता है जो कोरोना से जंग जीतकर ठीक हो चुके हों। ऐसे लोगों के ठीक होने का समय 14 दिन से ज्यादा हो चुका हो। इसके अलावा 18 से 60 वर्ष के बीच के लोग जिनका वजन 50 किलो से कम नहीं है उनके शरीर से प्लाज्मा लिया जा सकता है। मां बन चुकीं या प्रेगनेंट महिलाएं और किसी गंभीर बीमारी का शिकार रहे लोगों का प्लाज्मा कोरोना मरीज पर इस्तेमाल नहीं किया जाता है।..NEXT
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