भारत में मंहगाई आम जनता के लिए एक समस्या और नेताओं के लिए मुद्दा, जिसे भुनाकर वोट दिए और लुटे जाते हैं।
जब हम सुनते हैं कि आलू, प्याज या टमाटर के दामों में 30-40 रुपयों की बढ़ोत्तरी हुई है, तो सभी लोग इसपर चर्चा करनी शुरू कर देते हैं निचले और मध्यम तबके पर महंगाई का सबसे असर पड़ता है, वहीं उच्च वर्ग इससे अछूता रहता है लेकिन एक देश ऐसा है, जहां महंगाई इस कदर बढ़ चुकी है कि चीजें उच्च वर्ग की पहुंच से भी दूर होती दिख रही है।
महामंदी से गुजर रहा है वेनेजुएला
वेनेजुएला महामंदी की चपेट में है। विपक्ष के नियंत्रण वाले वेनेजुएलाकी राष्ट्रीय असेंबली के अनुसार औसत हर 26 दिन बाद कीमत दोगुनी हो जा रही है।
कुछ अर्थशास्त्री दूध वाली एक प्याली कॉफी की कीमत को महंगाई का प्रतीक मानते हैं। 31 जुलाई को राजाधानी कराकस के कैफे हाउस में एक प्याली कॉफी 25 लाख बोलिवार में एक प्याली कॉफी मिल रही थी। पांच हफ़्ते पहले की क़ीमत की तुलना में यह दोगुनी कीमत थी। अब जब बदली हुई मुद्रा 95 फीसदी के अवमूल्यन के बाद मार्केट में आएगी तो 25 सॉवरेन बोलिवार में एक प्याली कॉफी मिलेगी। वहीं टमाटर की कीमत भी पचास लाख सॉवरेन बोलिवार तक पहुंच गई है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया है कि इस साल वेनेजुएला की महंगाई दर में 10 लाख फीसदी का उछाल आ सकता है। अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि इससे वेनेजुएलाके हालात और खराब होंगे।
मुद्रा का नाम बदला
वेनेजुएला सरकार प्रमुख निकोलस माडुरो की सरकार ने अपनी मुद्रा बोलिवार का नाम बदलकर ‘सॉवरेन बोलिवार’ कर दिया है। इसके साथ ही इसका 95 फीसदी अवमूल्यन भी किया गया है।
माडुरो का यह कदम देश की मुद्रा बदलने वाला है। नोट का नाम भी बदल दिया गया है और साथ आठ नए नोट भी जारी किए गए हैं। ये नए नोट 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200 और 500 के हैं।
ऐसे पड़ रहा है असर
कुछ समय के लिए इससे नक़दी का लेन-देन आसान हो जाएगा। अभी लोगों को एक कप कॉफी के लिए नोट की मोटी गड्डी लानी पड़ती है। वेनेजुएला की पुरानी मुद्रा में सबसे बड़ा बोलिवार एक लाख था। मतलब एक लाख का बोलिवार नोट लेकर भी घर से निकलते हैं तो एक कप कॉफी के लिए 25 बोलिवार नोट देने होंगे।
वेनेजुएलामें महंगाई के कारण बड़े नोटों की मांग बढ़ गई, लेकिन वहां के बैंकों ने सभी ग्राहकों पर अपने अकाउंट से पैसे निकालने की सीमा तय कर दी।
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