भाई हेलमेट पहन ले, वहां पुलिस वाला खड़ा है, चालान हो जाएगा…। अरे हेलमेट लगाकर क्या चल रहा है, वहां पुलिस वाला थोड़ी है कि चालान काट देगा…। इस तरह की बातें हर प्रदेश, हर जिले और हर गली-मोहल्ले में आमतौर पर सुनने को मिल जाती हैं। लोगों की नासमझी कहें या लापरवाही, कारण जो भी हो, लेकिन सच्चाई यह है कि इस देश में लोग हेलमेट अपनी सुरक्षा के लिए कम और चालान से बचने के लिए ज्यादा पहनते हैं। बाइक सवारों की सुरक्षा पूरी तरह हेलमेट पर निर्भर है, यह जानते हुए भी मोटरसाइकिल चलाने वाले ज्यादातर लोग हेलमेट न लगाने का बहाना ढ़ूंढते रहते हैं। इस देश में हेलमेट को एक बोझ की तरह समझा जाता है, जो कि गलत है।
ISIHMA ने हेलमेट अनिवार्य करने की मांग की
आईएसआई हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISIHMA) ने सरकार से पूरे भारत में दोपहिया चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य बनाने तथा कम-गुणवत्ता वाले हेलमेट के उपयोग पर पाबंदी लगाने की मांग की है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी रोड एक्सीडेंट रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त करते हुए एसोसिएशन ने कहा कि 11 वर्षों से सड़क दुर्घटनाओं में 9.42 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इनमें करीब 10,135 दोपहिया सवारों ने घटिया क्वॉलिटी के हेलमेट पहनने या हेलमेट न पहनने के कारण अपनी जिंदगी खो दी।
सड़क हादसों में मरने वालों में दोपहिया सवारों की संख्या सबसे ज्यादा
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2015 की रिपोर्ट के अनुसार देश में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 1,48,131 मोटरसाइकिल सवार घायल हुए। वहीं, सड़क हादसों में 43,540 मोटरसाइकिल सवारों की मौत हो गई। देश में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली कुल मौतों में मोटरसाइकिल सवारों की मौत का प्रतिशत 29.3 फीसदी है। यह आंकड़ा किसी एक वाहन सवार/चालक की मौत के प्रतिशत में सबसे अधिक है।
रोजाना 1374 सड़क हादसे
आंकड़ों की मानें, तो देश में रोजाना 1374 सड़क हादसे होते हैं, जिनमें 400 लोगों की जान चली जाती है। लोगों को समझना चाहिए कि वे 50 हजार के दो पहिया वाहन आसानी से खरीद लेते हैं, लेकिन 1000 रुपये का ओरिजनल और अच्छा हेलमेट क्यों नहीं खरीदते। सड़क दुर्घटनाओं में बाइक सवारों की मौत का सबसे बड़ा कारण यह रहा कि या तो इन्होंने हेलमेट नहीं पहने थे या घटिया हेलमेट पहने थे। एसोसिएशन ने सुझाव दिया है कि अगर सरकार फर्जी आईएसआई हेलमेट या कम गुणवत्ता वाले हेलमेट की आपूर्ति करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए तेजी से कदम उठाए, तो नकली और घटिया हेलमेट पर रोक लग सकती है। इसके बाद लोग बेहतर क्वॉलिटी का हेलमेट पहनने लगेंगे, जिससे हादसों में कमी आएगी।
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