चुनाव आयोग ने रविवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। जिसके मुताबिक पहले चरण में 11 अप्रैल को 20 राज्यों की 91 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। चुनाव की तारीखों की घोषणा होते देश में आचार संहिता लागू हो गई। ऐसे में नेताओं को उसी दायरे में रहकर काम करना होगा। आइए, जानते हैं क्या है चुनाव आचार संहिता और इससे जुड़ी खास बातें।
क्या है चुनाव आचार संहिता
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के बनाए गए नियमों को ही आचार संहिता कहते हैं। आचार संहिता लागू होते ही शासन और प्रशासन में कई अहम बदलाव हो जाते हैं। राज्यों और केंद्र सरकार के कर्मचारी चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव आयोग के कर्मचारी की तरह काम करते हैं।
चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद इन कामों की है मनाही
सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगला का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है।
आचार संहिता लगने के बाद सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं।
किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने की पूर्व अनुमति पुलिस से लेना अनिवार्य होता है। राजनीतिक कार्यक्रमों पर नज़र रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक भी नियुक्त करता है।
कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है।
आचार संहिता का उल्लघंन करने पर क्या होगा
अगर कोई प्रत्याशी या राजनीतिक दल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो चुनाव आयोग नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है। उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। जरूरी होने पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। आचार संहिता के उल्लंघन में जेल जाने तक के प्रावधान भी शामिल है।…Next
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