इन दिनों ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं। जिसमें देर रात या सुबह कई मिस कॉल आती हैं और जब उस व्यक्ति ने मिस कॉल वाले नंबर पर फोन किया, तब उसे पता लगा कि फोन स्विच ऑफ है। इसके बाद 1-2 दिन में बैंक अकाउंट से हजारों-लाखों की चपत लग गई हो। हाल ही में मुंबई से भी ऐसा ही सामने आया, जिसमें सिम कार्ड स्वैप के जरिए चोरी की गई है। करोड़ों की चपत सिम स्वैपिंग की तरकीब से की गई है। ऐसे में आपको जान लेना चाहिए कि किन छोटी-छोटी चीजों से आप सिम स्वैपिंग का शिकार हो सकते हैं। आइए, जानते हैं आप कैसे बच सकते हैं।
क्या है सिम स्वैपिंग
किसी सिम कार्ड को बंद करके उसके स्थान पर दूसरा सिम कार्ड निकलवाने को सिम कार्ड स्वैपिंग कहा जाता है। जैसे कभी अगर आपका फोन खो जाए तो आप सिम गुम होने की रिपोर्ट लिखवाकर उस सिम को बंद करवा देते हैं और उसी नंबर की दूसरी सिम निकलवाते हैं। अगर आप पुराने नंबर पर नया सिम कार्ड लेते हैं तब भी यह प्रक्रिया होती है यानी मौजूदा सिम कार्ड को नए सिम से बदलना ही सिम कार्ड स्वैपिंग है।
सिम स्वैपिंग सिर्फ एक शख्स नहीं करता बल्कि इस तरह के काम में कई लोग शामिल रहते हैं। संगठित गिरोह इसे अंजाम देते हैं। साइबर एंड लॉ फाउंडेशन की आंतरिक रिसर्च से पता चला है कि 2018 में ही इस तरीके से भारत में 200 करोड़ रुपये उड़ा लिए गए।
ऐसे होती है धोखाधड़ी
हैकर्स या धोखाधड़ी करने वाले लोग आपके फोन पर कॉल करते हैं और खुद को आपके सिम की कंपनी का कस्टमर एक्जीक्यूटिव बताते हैं। वे कोई बहाना बनाकर आपसे आपकी सिम का नंबर मांगते हैं, जैसे कि- नेटवर्क कमजोर होने के चलते वे आपके सिम को अपग्रेड करने का ऑफर दे रहे हैं या फिर आपके नंबर पर किसी खास प्लान का ऑफर आया है और आपको नई सिम खरीदनी पड़गी। ज्यादातर लोग इस बहकावे में आ जाते हैं और अपना सिम नंबर बता देते हैं। 20 अंकों वाला सिम नंबर बताने के बाद आपसे कहा जाता है कि आप नंबर को कंफर्म करने के लिए 1 दबाएं। जैसे ही आप 1 दबाते हैं, वैसे ही आपके नंबर पर खुद-ब-खुद नए सिम के लिए रिक्वेस्ट डाल दी जाती है।
कैसे बचें
एक्सपर्ट की मानें तो सिम स्वैपिंग से बचने के लिए बैंक में वही नम्बर देना चाहिए जिसका आप व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल करते हैं।
वहीं, हर बैंक खाते के साथ ईमेल अलर्ट सुविधा होनी चाहिए ताकि अगर अचानक सिम कार्ड बंद हो जाए तो कम से कम ईमेल के माध्यम से तो पता चल पाए कि कोई आपकी इजाजत के बिना लेन-देन कर रहा है। इससे आप तुरंत बैंक को जानकारी देकर नुकसान टाल सकते हैं।
वहीं सिम स्वैपिंग का काम अधिकतर शुक्रवार या शनिवार को किया जाता है। कई बार छुट्टियों के दौरान भी ऐसे ठगी की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों को छुट्टियों के कारण बैंकों या फिर टेलिकॉम कंपनियों से संपर्क करने में मुश्किल होती है। इसलिए, अगर आपका सिमकार्ड इन दिनों में अचानक बंद हो जाए तो सावधान होकर बैंक खातों को सुरक्षित रखने के लिए क़दम उठाएं…Next
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