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WhatsApp पर आपकी मर्जी बिना कोई नहीं कर सकता ग्रुप में एड, इस नम्बर पर मैसेज करके खुद करें फेक न्यूज चेक

सोशल मीडिया ने हमारे कई कामों को आसान कर दिया है। भागती-दौड़ती जिंदगी में जहां हमारे पास अखबार पढ़ने या टीवी देखने का वक्त नहीं होता। वहीं मोबाइल से हम जरूरी खबरें जान सकते हैं लेकिन दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर पिछले कुछ समय से फर्जी खबरों की बाढ़-सी आ गई है। खासतौर पर चुनाव के दिनों में राजनीतिक फायदा पाने के लिए लोगों को ऐसी ही फेक खबरों से उकसाया जाता है। ऑनलाइन मैसेजिंग एप वाट्सअप पर दिन भर में ऐसी कितने ही खबरें शेयर की जाती है, जो पूरी तरह गलत या फिर जिसमें आधी-अधूरी सच्चाई होती है। ऐसे में इस समस्या को देखते हुए वाट्सअप दो नए फीचर एड किए हैं। फर्जी खबर पहचान के अलावा वाट्सअप ने किसी भी ग्रुप में जबरन जोड़े जाने को लेकर भी वाट्सअप ने यूजर्स को एक विकल्प दिया है।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal4 Apr, 2019

 

 

कंपनी ने लॉन्च की फैक्ट चेक सर्विस
फेक और रियल की पहचान के लिए कंपनी ने एक फैक्ट चेकर सर्विस लॉन्च की है जिससे आप लिंक्स को एक ‘Checkpoint Tipline’ पर फॉरवर्ड करके वेरिफाई कर सकेंगे। इस सिस्टम से टेक्स्ट, इमेज और विडियो फॉर्मेट्स का वैरिफिकेशन किया जा सकेगा। यह सर्विस इंग्लिश, हिंदी, बंगाली, मलयालम और तेलगु भाषाएं सपॉर्ट करती है।

 

ऐसे करें फैक्ट या न्यूज चेक
कैसे काम करता है टिपलाइन चेकपॉइंट?
वॉट्सऐप पर मेसेजिंग सर्विस इंक्रिप्टेड होती है यानी कोई थर्ड पार्टी मेसेज को नहीं पढ़ सकता। यह टिपलाइन सर्विस तब काम करती है जब कोई यूजर अगर किसी मेसेज को वैरिफाई करना चाहता है तो ऐसे में PROTO थर्ड पार्टी नहीं बल्कि एक रिसीवर के तौर पर काम करता है।

 

 

इस नंबर पर होगी मैसेज की जांच
कंपनी ने कहा कि भारत के यूजर्स किसी तरह की अफवाह या फेक मेसेज की पड़ताल के लिए उसे चेकपॉइंट टिपलाइन (+91-9643000888) पर सबमिट कर सकते हैं। एक बार यूजर की ओर से मेसेज रिसीव होने के बाद PROTO का वेरिफिकेशन सेंटर उसकी पड़ताल करेगा और जांच के बाद यूजर को बताएगा कि मेसेज में दी गई जानकारी सही है या नहीं। बयान में कहा गया है कि इस जानकारी को सही, गलत, भ्रामक, विवादित या आउट ऑफ स्कोप में मार्क करें।

 

प्राइवेसी सेटिंग का नया फीचर
वाट्सअप ने घोषणा की है कि यूजर्स को प्राइवेसी सेटिंग के मीनू में ग्रुप्स से जोड़ने के लिए तीन विकल्प दिए जाएंगे- ‘नोबडी’, ‘माई कॉन्टेक्ट्स’ और ‘एव्रीवन’। यूजर्स अपनी सुविधानुसार कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। ‘नोबडी’ विकल्प का मतलब है कि किसी भी ग्रुप में आपको जोड़ने के लिए आपकी अनुमति की आवश्यकता होगी और ‘माई कॉन्टेक्ट्स’ का मतलब होगा कि आपकी फोनबुक में सेव्ड कॉन्टेक्ट्स ही आपको ग्रुप में जोड़ सकते हैं।’ ‘नोबडी’ चुनने वाले यूजर्स को ग्रुप में जोड़ने के लिए निजी चैट में आमंत्रण दिया जाएगा जिसमें वह अपनी अनुमति देंगे। यह इंवाइट उनके पास तीन दिन तक रहेगा जिसके बाद यह निरस्त हो जाएगा। ‘एव्रीवन’ विकल्प के तहत यूजर्स को कोई भी व्यक्ति किसी भी ग्रुप में यूजर की बिना अनुमति के जोड़ सकेगा जैसा कि अभी चल रहा है।…Next

 

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