ट्रैफिक सिग्नल का हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से एक गहरा नाता है। कई लोग इसे अच्छे से फॉलो करते हैं, तो कुछ लोग इसे नजरअंदाज कर जाते हैं। ट्रैफिक सिग्नल से हम रोजाना गुजरते हैं। कई बार हम सोचते है कि आखिर क्यों लाल बत्ती पर हम रुकते हैं और हरी पर चलते हैं और पीली पर अक्सर गाड़िया धीमी हो जाती हैं, तो चलिए जानते हैं आखिर ट्रैफिक सिग्नल के लिए इनका इस्तेमाल क्यों होता है।
ट्रैफिक सिग्नल पर हर जगह इन तीन रंगो की ही इस्तेमाल होता है फिर चाहे वो भारत हो या फिर विदेश हर जगह इन्हीं तीन रंगो का इस्तेमाल होता है। वैसे इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल, लाल और हरा रंग हम दिन की रोशनी में भी आराम से देख सकते हैं लेकिन आप बाकी रंगो को नहीं देख सकते हैं या फिर उन्हें देखने में आपको थोड़ी परेशानी होगी।
लाल रंग की वेब लेंथ बाकी रंगो से कहीं ज्यादा होती है इसलिए ये हमें दूर से भी दिख जाती है।ऐसी ही वेब लेंथ हरे रंग का भी होता है। शायद यही वजह है जो इन दोनों लाइटों को देखा जा सकता है। इन दोनों रंगों का इस्तेमाल पूरी दुनिया की सड़कों पर इन्हीं दोनों लाइट्स का इस्तेमाल किया जाता है। इन रंगो से ही कई सारे हादसे टाले जाते हैं। वैसे सड़को के अलावा भारतीय रेलवे भी इन्ही रंगों की लाइटो का प्रयोग करता है। अगर आपने ध्यान से देखा होगा तो रेलगाड़ी को रोकने के लिए अक्सर लालबत्ती का प्रयोग किया जाता है, साथ ही हरे रंग का मतलब है गाड़ी को आगे बढ़ाएं।
वैसे, रंगो के इस खेल में सबसे ज्यादा जरुरत है कि हम जब सड़क पर गाड़ी चला रहे हैं, तो इन रंगो को फॉलो करें ताकि हादसों से बच सकें क्योंकि ये रंग हमारे और आपकी सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं…Next
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