कानून जिसे अपराधी करार देता है उसकी ज़िंदगी में ठहराव-सा आ जाता है. सज़ा मुकर्रर होने के बाद की दुनिया सिकुड़ कर सलाखों और दीवारों के बीच कैद हो जाती है. सलाखों और दीवारों के बीच बंद इंसानों को बाहरी दुनिया की चकाचौंध फिर एक बार वापस अपने आभासी आगोश में खींचने की कोशिश करती है.
कैदियों में से कई के मन में फिर से उसी दुनिया में जाने की छटपटाहट होती है जिसने उन्हें दीवारों और सलाखों के बीच आने को विवश कर दिया. इस जद्दोजेहद में समय के साथ उम्र धीमे-धीमे बढ़ती प्रतीत होती है. कैदियों को समाज में वापस जोड़ना दुनिया भर में एक महत्तवपूर्ण मुद्दा है. समय-समय पर विभिन्न जेलों में कैदियों के लिए ऐसे सुधार कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है जिससे समाज में वापस जुड़ने में उन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.
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इस जेल में भी महिला कैदियों के लिए एक ऐसे ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यहाँ सौंदर्य स्पर्धा का आयोजन किया गया जिसमें महिला कैदियों ने हिस्सा लिया और सह-प्रतिभागी को काँटे की टक्कर दी. चमचमाते, सुंदर कपड़ों में सजी इन महिला कैदियों ने बॉलगाउन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया.
इस प्रतियोगिता के आयोजन से पहले 21 महिला कैदियों सह प्रतिभागियों को एक सप्ताह से अधिक समय तक प्रशिक्षित किया गया. ड्रग्स धंधेबाजों, चोरों से भरे मैक्सिको के बाजा कैलिफ़ोर्निया स्टेट कारागार में महिला कैदियों का हुनर देखने इनके सगे-संबंधी भी आये थे. बॉलगाउन प्रतियोगिता का उद्देश्य कैदियों महिला कैदियों के स्वाभिमान को बढ़ावा देना और उन्हें बाहरी दुनिया में जाने के लिए तैयार करना था.Next….
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