दुनियाभर में तेजी से फैल रहे एचआईवी ने चिकित्सकों की चिंता बढ़ा दी है। साल दर साल एड्स के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक 3 करोड़ से भी ज्यादा लोग एचआईवी से पीडि़त हैं। भारत के झारखंड राज्य में 23 हजार से भी ज्यादा लोग एचआईवी से पीडि़त पाए गए हैं।
करीब दो लाख लोगों की जान गई
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की वैश्विक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि दुनियाभर में 3 करोड़ से ज्यादा लोग एचआईवी के शिकार हैं। इस रिपोर्ट में 2018 के अंत तक किए गए सर्वे के आंकड़े बेहद डरावने हैं। 770000 लाख से ज्यादा लोगों की एचआईवी के चलते मौत हो चुकी है। जबकि 17 लाख लोग ऐसे पाए गए हैं जो हाल ही में एचआईवी के संक्रमण में आ गए हैं।
दुनियाभर में 3 करोड़ से ज्यादा एचआईवी पेशेंट
डब्ल्यूएचओ की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018 के अंत तक पाए गए 3 करोड़ एचआईवी पॉजिटिव लोगों में अलग अलग स्टेज के 79 प्रतिशत मरीजों का इलाज किया जा चुका है। जबकि, 62 प्रतिशत एचआईवी पॉजिटिव मरीजों का ट्रीटमेंट अभी भी चल रहा है। वहीं, 53 प्रतिशत ऐसे मरीजों को एचआईवी से बचाया गया है जो इसके संक्रमण के शिकार होते होते बचे। उनमें कुछ कुछ लक्षण पनपने लगे थे।
भारत में भी स्थिति खतरनाक
झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी यानी जेसैक की रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि 2002 से अब तक किए गए सर्वे के मुताबिक राज्य में 23270 लोग एचआईवी पॉजिटिव मरीज हैं। हजारीबाग जिले में सर्वाधिक 5259 मरीज पाए गए हैं। वहीं, राजधानी रांची के 4916 मरीज इस गंभीर बीमारी की चपेट में हैं। तीसरे नंबर पर सिंहभूम जिला है, यहां पर 3733 मरीज एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं।
झारखंड में 23 हजार एचआईवी पॉजिटिव
झारखंड के 23 हजार मरीजों में से 19291 के मरीजों का इलाज राज्य के एचआईवी केयर के जरिए किया जा रहा है। रांची के रिम्स अस्पताल के एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट सेंटर में प्रतिमाह एचआईवी से संक्रमित 1500 मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, बाकी मरीजों का इलाज अलग अलग सरकारी स्वास्थ्य इकाईयों के जरिए चल रहा है।…Next
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