आपने अपने आसपास ऐसे कई लोगों को देखा होगा, जो जानवरों को परेशान करते हैं या कुत्तों को बिना बात के पत्थर या लात मारते हैं। वहीं, ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो पानी बर्बाद करते हैं। कहने का अर्थ यह है कि कई लोगों को ये मुद्दे बहुत छोटे लग सकते हैं लेकिन इनसे हमारा भविष्य टिका हुआ है। पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतु, पेड़-पौधे ये ऐसी संपदा हैं, जिनसे हमारा अस्तित्व है। इनके खत्म होने से हमारे जीवन पर भी खतरा मंडराने लगेगा। ईको-सिस्टम को बनाए रखने के लिए पृथ्वी पर ये चीजें भी उतनी ही जरूरी है, जितना कि मानवजीवन। ऐसे में जानते हैं ऐसी कौन-सी चीजें है, जिनके खत्म होने से हमारा अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा। इन चीजों को आज से ही बचाने की जरूरत है।
जीव-जंतु
बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें जानवरों से कुछ खास लगाव नहीं होता। उन्हें गलियों में घूमते हुए कुत्ते बुरे लगते हैं या उन्हें गाय-भैसों से परेशानी होती है। ऐसे में उन लोगों को यह बात समझने की जरूरत है कि जानवरों के रहने से ही ईको सिस्टम बना रह सकता है। वहीं, इस पृथ्वी पर उनका भी इतना ही अधिकार है, जितना की हमारा। जैसे अगर हम कीट-पतंगे खाने वाले सारे पक्षियों को मार देंगे, तो हमारी फसलें भी बच नहीं पाएंगी। 22 जनवरी 1970 को समुद्र में तीन मिलियन गैलेन तेल रिसाव हुआ था, जिससे 10,000 सीबर्ड, डॉल्फिन, सील और सी लायन्स मारे गए थे।
पेड़-पौधे
पिछले 20-30 दशकों से जनसंख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, जिससे वन कटाव चौगुना हो गया है। ऐसे में आधुनिकता की आड़ में हमने बहुत कुछ खो दिया है। पेड़-पौधों की कमी के चलते प्रदूषण में काफी इजाफा हुआ है। जितनी तेजी से पृथ्वी से पेड़-पौधे कम हो रहे हैं, एक समय ऐसा आएगा जब पेड़-पौधे किताबों में ही सीमित रह जाएंगे।
पानी
बूंद-बूंद पानी की कीमत उन लोगों को देकर पता चलती है, जो पानी लाने के लिए मीलों का सफर करते हैं। महाराष्ट्र के लातूर में पानी की कमी की वजह से रोजाना झगड़े होते थे। झगड़े इतना खूनी रूप ले चुके थे कि वहां धारा-144 लगानी पड़ी थी। ऐसे में अगर आप या आपके आसपास कोई पानी बर्बाद करते हुए दिखाई दे, तो आपकी जिम्मेदारी है उसे रोकने की।
विश्व पृथ्वी दिवस 2019 थीम
इस वर्ष विश्व पृथ्वी दिवस का थीम “Protect Our Species” यानी पेड़- पौधों और जीवों की नस्लों की सुरक्षा करना है। ये हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं, इन्हें खोने न दें। पिछले वर्ष पृथ्वी दिवस का थीम “End Plastic Pollution” यानी प्लास्टिक से मुक्ति था।
कैसे हुई पृथ्वी दिवस की शुरुआत
पूरी दुनिया 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाती है, लेकिन अमेरिका में इसे वृक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहले पूरी दुनिया में साल में दो दिन (21 मार्च और 22 अप्रैल) पृथ्वी दिवस मनाया जाता था। लेकिन 1970 से 22 अप्रैल को मनाया जाना तय किया गया। 21 मार्च को मनाए जाने वाले ‘इंटरनेशनल अर्थ डे’ को संयुक्त राष्ट्र का समर्थन है, पर इसका महत्व वैज्ञानिक तथा पर्यावरणीय ज्यादा है। इसे उत्तरी गोलार्ध के वसंत तथा दक्षिणी गोलार्ध के पतझ़ड़ के प्रतीक स्वरूप मनाया जाता है। 22 अप्रैल को ही विश्व पृथ्वी दिवस मनाए जाने के पीछे अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन रहे हैं। वे पर्यावरण को लेकर चिंतित रहते थे और लोगों में जागरूकता जगाने के लिए कोई राह बनाने के प्रयास करते रहते थे।…Next
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