ऑफिस में मेरी एक दोस्त थी, जो कुछ दिनों से परेशान चल रही थी। 2-3 दिनों से शाम को घर जल्दी निकलती। मोबाइल की बैटरी फुल चार्ज रखती थी, ऐसे में अगर किसी वजह से वो मोबाइल चार्ज करना भूल जाती, तो उसके साथ पैनिक अटैक जैसी समस्या होने लगती थी। पहले मुझे लगा, शायद घर की कोई परेशानी है, हम इतने करीबी दोस्त भी नहीं थे कि घर या निजी परेशानियों पर इतना खुलकर बात करते, फिर भी मैंने ऑफिस की कैंटीन में खाना खाने के दौरान उससे परेशानी पूछी।
उसने जो वजह बताई, वो ज्यादातर लोगों के लिए छोटी हो सकती है लेकिन इसके असर को छोटा या सामान्य नहीं माना जा सकता। उसने बताया कि उसका टीवी खराब हो गया है, सर्विस कराने के लिए शॉप के 2-3 दिन से चक्कर काट रही है लेकिन बात नहीं बन पा रही है। दरअसल, वो किसी दूसरे शहर दिल्ली में एक किराए के फ्लैट में रहती है। रात में उसे अकेले डर लगता है इसलिए टीवी चलाकर तेज आवाज करके काम करती रहती है, जिससे कि मन लगा रहे। अब टीवी खराब होने पर मोबाइल चला देती है लेकिन जल्दी ही बैटरी खत्म हो जाती है। घर में टीवी न चलने पर उसका ध्यान काफी परेशान करने वाली बातों पर जाता है।
वो किसी से खुलकर अपनी बात नहीं कह पाती, कुछ वक्त पहले वो डिप्रेशन का शिकार रह चुकी है। ऐसे में वो गुस्से, उदासी और चिढ़चिढ़पन से जूझती रहती है। यह कहानी मेरी उस दोस्त की ही नहीं, बल्कि ज्यादातर उन लोगों की भी है, तो अपने घर-परिवार से दूर रहते हैं। वहीं आपने बुर्जुगों को भी देखा होगा, जिनके कमरे में पूरे दिन टीवी या रेडियो चलता रहता है। अपने सोने के दौरान भी उनका टीवी बंद नहीं रहता। घर से दूर रह रहे ज्यादातर लोगों में हाइपरटेंशन की समस्या देखी गई है। शुरुआत में तनाव, गुस्सा और छोटी-छोटी बातों पर चिढ़चिढ़ापन होता है, जो बाद में जाकर कई गंभीर बीमारियों की वजह बन जाता है।
आज दुनियाभर में लोग वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मना रहे हैं। यह दिन हर साल 17 मई को मनाया जाता है। हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप वह स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव की इस वृद्धि से रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिये दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ता है। हाइपरटेंशन को हाई ब्लड प्रेशर भी कहा जाता है।
आज तीन में से एक भारतीय युवा हाइपरटेंशन का शिकार
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, तीन में से एक भारतीय युवा हाइपरटेंशन की गिरफ्त में है। बिगड़ते हालात का अंदाजा इससे लगा सकते हैं 40 फीसदी से अधिक डॉक्टर भी इस बीमारी की जद में हैं। राजधानी दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में हजार लोगों पर किए अध्ययन के अनुसार 31 प्रतिशत लोग हाइपरटेंशन के शिकार हैं। 31 से 50 वर्ष के 56 प्रतिशत लोग हाइपरटेंशन के शिकार हैं। हालांकि साठ साल की उम्र से पहले पुरुषों में उच्च रक्तचाप का खतरा ज्यादा रहता है, पर बाद में स्त्री-पुरुष दोनों में ही खतरे की आशंका बराबर होती है।
कहीं आप में ये लक्षण तो नहीं!
तनाव की अधिकता, वजन ज्यादा होना, सिगरेट, बीड़ी, सिगार, ज्यादा एल्कोहल का सेवन करना, लंबे समय तक कम नींद लेना, थाइरॉएड की समस्या, अधिक नमक, चीनी, तला भुना व प्रोसेस्ड फूड खाना, दवाओं का अधिक सेवन ‘उम्र बढ़ना हाइपरटेंशन की मुख्य वजह है, जबकि जल्दी-जल्दी सिरदर्द होना, खासतौर से गर्दन सहित सिर के पीछे, बार- बार मितली आना, पसीना ज्यादा आना, नसों में झनझनाहट रहना, सीने में दर्द, बेचैनी, भारीपन व सांस लेने में परेशानी महसूस करना, बहुत ज्यादा तनावग्रस्त रहना ‘ज्यादा गुस्सा आना, कमजोरी के साथ चक्कर महसूस होना, थकान रहना ‘तेज चलने में परेशानी होना, ये सभी सामान्य से गंभीर लक्षण है, जिसके प्रति आपको सचेत रहना चाहिए।
आखिर में सबसे खास बात ये है कि घर-परिवार से दूर रहे दोस्तों का साथ दीजिए और उनसे बात करने की कोशिश कीजिए, वहीं अगर आप घर-परिवार से दूर रहते हैं, तो अपने मन की बातें किसी विश्वासपात्र दोस्त या परिवार के सदस्य से जरूर शेयर करें, इसके ना सिर्फ आपका मन हल्का होगा बल्कि आप कई बीमारियों से भी बचें रहेंगे।…Next
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